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    JSSC: क्या जेएसएससी परीक्षा नियम 2021 पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी हेमंत सरकार

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Sun, 18 Dec 2022 04:12 PM (IST)

    झारखंड हाईकोर्ट ने जेएसएससी परीक्षा नियम 2021 को रद्द कर दिया जिसमें आवेदकों का राज्य के स्कूलों से कक्षा 10 और12 पास करना अनिवार्य था। यदि सरकार हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करती तो नई प्रक्रिया शुरू करने में छह महीने लग सकते हैं।

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    झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC परीक्षा नियम 2021 को रद्द कर दिया जिसमें 10 और 12 पास करना अनिवार्य था।

    रांची, नीरज अम्बष्ठ: झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) परीक्षा नियम 2021 को रद्द कर दिया, जिसमें आवेदकों के लिए राज्य के स्कूलों से कक्षा 10 और 12 पास करना अनिवार्य था। यदि सरकार कोर्ट के इस फैसले का अनुपालन करती है तो भर्ती की नई प्रक्रिया को शुरू करने में कम से कम छह का समय लगना तय हैं।

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    फैसले का करेगी पालन या सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी सरकार

    झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार के पास अब दो विकल्प बचे हैं। पहला विकल्प तहत सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उक्त नियमावली सहित इस नियमावली के तहत हुई नियुक्तियों और चल रही नियुक्ति प्रक्रियाओं को रद्द कर नए सिरे से नियमावली तैयार करे। दूसरे विकल्प के तहत राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके संकेत भी दिए हैं।

    नब्बे नियुक्ति नियमावलियों में करना पड़ सकता है संशोधन

    यदि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा नियम (संधोधित) 2021 यदि रद्द होती है तो राज्य सरकार को विभिन्न विभागों द्वारा गठित उन 90 नियुक्ति नियमावलियों में संशोधन करना होगा, जिनमें अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट पास होना अनिवार्य किया गया है।

    नियमावलियों में संशोधन के लिए एक बार फिर सभी विभागों को विधि विभाग, कार्मिक विभाग और कैबिनेट की स्वीकृति लेनी होगी। इससे पहले राज्य सरकार को जेएसएससी की नियुक्ति संचालन नियमावली में भी संशोधन करना होगा। इन प्रक्रियाओं में लगभग छह माह लग जाएंगे। यदि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय की ओर रुख करती है और वहां राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय आता है तो भी नियुक्ति प्रक्रिया लगभग तीन माह लटकी रह सकती है।

    दो साल तक नहीं निकली थी कोई बहाली

    नियमावली में संशाेधन के कारण ही झारखंड कर्मचारी चयन आयाेग में लगभग दो साल तक कोई बहाली नहीं निकली थी। इसके साथ ही सभी नियुक्ति प्रक्रियाएं भी रूकी हुई थी। आयोग ने अंतिम बार 2019 के सितंबर-अक्टूबर में संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा तथा झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी करते हुए आवेदन मंगाए थे। इसके बाद पिछली सरकार में गठित नियोजन नीति रद्द करने और नई नियमावली गठित करने के प्रयास में नवंबर 2021 तक कोई नई बहाली नहीं निकली। जेएसससी नियुक्ति संचालन नियमावली, 2021 गठित होने के बाद 22 दिसंबर 2021 से नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो पाई थी। 

    पिछली बार इस कारण से दो साल तक लटकी थी नियुक्ति

    दरअसल, वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने से दो माह तक कोई नई बहाली की प्रक्रिया आयोग द्वारा शुरू नहीं की जा सकी थी। इसके बाद हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति और नियोजन नीति को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में मामला होने के कारण नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। इस बीच आयोग में अध्यक्ष और सदस्य के पद भी रिक्त रह गए। इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पिछली सरकार में लागू की गई नियोजन नीति रद किए जाने से कोई नई बहाली की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही थी।

    इन अभ्यार्थियों पर पड़ेगा असर

    10,00 हजार से अधिक पदों पर शुरू हो चुकी नियुक्ति प्रक्रिया रद होगी। जेएसससी ने 23 विज्ञापनों के माध्यमों से इतने पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इनमें रिम्स में ए ग्रेड नर्स तथा राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में 63 वैज्ञानिक सहायकों की हो चुकी नियुक्ति भी शामिल है। 50,000 पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा जेएसससी को भेजी जानी थी, जिसपर भी ग्रहण लग गया है। कुल 40 श्रेणी के पदों के लिए अनुशंसा भेजने की तैयारी थी।

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