हजारीबाग खासमहाल की जमीन हेराफेरी में निलंबित IAS विनय कुमार चौबे ने क्या कहा..., एसीबी कर रही पूछताछ
हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से 23 लोगों को निबंधित करने के मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की रिमांड पर निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे से कोई खास जानकारी हासिल नहीं हो सकी है। रिमांड अवधि पूरी हो चुकी है। उन्हें शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से 23 लोगों को निबंधित करने के मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की रिमांड पर निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे से कोई खास जानकारी हासिल नहीं हो सकी है।
विनय कुमार चौबे ने इस पूरे प्रकरण में अपनी संलिप्तता से इंकार किया है और आरोपों को बेबुनियाद बताया है। अब एसीबी जल्द ही दूसरे आरोपित व इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार तत्कालीन खासमहाल पदाधिकारी सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी विनोद चंद्र झा को भी रिमांड लेगी।
विनोद चंद्र झा वर्तमान में हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में बंद हैं। विनय कुमार चौबे की रिमांड अवधि पूरी हो चुकी है। उन्हें शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
संभावना है कि उन्हें रिम्स भेजा जाएगा क्योंकि उन्हें बीपी व किडनी से संबंधित परेशानी है। एसीबी ने विनय कुमार चौबे को मंगलवार की शाम से चार दिनों की रिमांड पर लिया था।
2008 से 2010 के बीच का है पूरा मामला
हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन का पूरा मामला वर्ष 2008 से 2010 के बीच का है। उस वक्त विनय कुमार चौबे हजारीबाग के डीसी थे।
एसीबी ने इस मामले में वर्ष 2015 में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच की तो पाया कि उक्त जमीन 1948 में सेवायत ट्रस्ट को 30 वर्षों की लीज पर दी गई थी, जिसका लीज 1978 में समाप्त हुआ था।
तब से जमीन वैसे ही पड़ी थी। वर्ष 2008 से 2010 के बीच प्रशासनिक साजिश के तहत उक्त जमीन 23 लोगों को निबंधित की गई थी।
इसमें तत्कालीन डीसी विनय कुमार चौबे की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है। एसीबी इस मामले में साक्ष्य जुटाने की कोशिश में है, ताकि इस केस में विनय कुमार चौबे के विरुद्ध चार्जशीट किया जा सके।
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