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    बीआइटी मेसरा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एफसीएमपीई वेल-एच 25 का होगा आयोजन

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 03:00 PM (IST)

    बीआइटी मेसरा में युनिवर्सिटी आफ जार्जिया के सहयोग से इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन फूड केमिस्ट्री माइक्रोबायोलोजी एंड प्रोसेस इंजीनियरिंग फार वेलनेस एंड हेल्थ (एफसीएमपीई वेल-एच 25) की घोषणा की गई है। इसमें देश-विदेश से 400-500 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। 10 से 12 जुलाई तक आयोजित इस सम्मेलन में शोधकर्ता उद्योग जगत के लीडर्स उद्यमी नीति निर्माता और छात्र शामिल होंगे।

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    बीआइटी मेसरा में अंतरराष्टीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

    जागरण संवाददाता, रांची । बीआइटी मेसरा के डिपार्टमेंट आफ फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड टेक्नोलाजी, सेंटर फार फूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी और डिपार्टमेंट आफ केमिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा युनिवर्सिटी आफ जार्जिया के सहयोग से इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन फूड केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलोजी एंड प्रोसेस इंजीनियरिंग फार वेलनेस एंड हेल्थ (एफसीएमपीई वेल-एच 25) की घोषणा की गई है।

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    एफसीएमपीई वेल-एच 25 एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें देश-विदेश से 400-500 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। 10 से 12 जुलाई तक आयोजित इस सम्मेलन में शोधकर्ता, उद्योग जगत के लीडर्स, उद्यमी, नीति निर्माता और छात्र शामिल होंगे।

    सम्मेलन का विषय सस्टेनेबल प्रोसेसिंग टेक्नोलाजीज फार फूड सिक्योरिटी, पब्लिक हेल्थ एंड न्यूट्रिशन थ्रू एकेडमिया-इंडस्ट्री कोलाबोरेशन होगा, जो अकादमिक-उद्योग जगत के बीच साझेदारियों को बढ़ावा देगा।

    विश्वस्तरीय विशेषज्ञों की ओर से व्याख्यान, टेक्निकल पेपर प्रजेंटेशन, पैनल चर्चा, पोस्टर सत्र, फ्लैश चर्चा, क्विज और औद्योगिक प्रदर्शनी कार्यक्रम होगा, जहां फूड बायोटेक्नोलाजी एवं सस्टेनेबल फूड प्रोसेसिंग में आधुनिक इनोवेशन और समाधानों का प्रदर्शन किया जाएगा।

    बीआइटी लालपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान डा. अनुपम राय ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य ऐसी सस्टेनेबल फूड प्रोसेसिंग तकनीकों को बढ़ावा देना है जो खाद्य सुरक्षा, पोषण और गुणवत्ता को सुनिश्चित करती हैं।

    विशेषकर देश की विकसित होती बायोइकोनोमी में अकादमिक इनोवेशन और औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच के अंतर को दूर करना शामिल है। ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोगपूर्ण उद्यमों के माध्यम से राष्ट्रीय मिशन जैसे नेशनल बायोटेक्नोलाजी डेवलपमेंट स्ट्रैटेजी और आत्मनिर्भर भारत को समर्थन प्रदान करना

    युवा शोधकर्ताओं, नए विज्ञानियों एवं स्टार्ट-अप्स को ऐसा मंच प्रदान करना जहां उन्हें अपने इनोवेशन को दर्शाने तथा राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और उद्योगों के साथ साझेदारियों का अवसर मिलेगा।

    उन्होंने कहा, यह सम्मेलन सिर्फ एक अकादमिक मंच नहीं बल्कि राष्ट्रीय निर्माण का प्लेटफार्म है जो देश को सस्टेनेबल फूड बायोटेक्नोलाजी में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करेगा।

    झारखंड के जैविक संसाधनों, वन उत्पादों एवं कृषि आधारित उद्यमों की क्षमता पर विशेष फोकस जो क्षेत्र के समावेशी विकास को सुनिश्चित करेगा।

    सम्मेलन का उद्देश्य कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना, फंक्शनल एवं फोर्टिफाइड फूड को बढ़ावा देना तथा व्यक्तिगत पोषण एवं खाद्य प्रत्यास्थता के लिए एआइ, आइओटी एवं 3डी फूड प्रिंटिंग एवं माइक्रो-बायोम आधारित इनोवेशन को प्रोत्साहित करना है।

    अकादमिक एवं उद्योग जगत के बीच साझेदारी 

    यह सम्मेलन विभिन्न सेक्टरों के बीच बातचीत के लिए हब की भूमिका निभाएगा। यह बीआइटी मेसरा तथा उद्योग जगत के दिग्गजों, बायोटेक स्टार्टअप्स, फूड टेक्नोलाजी फर्म, सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करेगा।

    टेक्नोलाजी के आदान-प्रदान, उद्यमों के विकास तथा खाद्य सुरक्षा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़े पैमाने के इनोवेशन को बढ़ावा देगा। सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किए गए चुनिंदा उच्च गुणवत्ता के पेपर्स को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाएगा।

    इसके अलावा स्कोप्स इंडेक्स्ड इंटरनेशनल जर्नल के विशेष अंक की योजना भी बनाई गई है। प्रेसवार्ता के दौरान आयोजन के सह संयोजक डा. अमित तिवारी, डा. मृणाल पाठक समेत अन्य उपस्थित रहे।

    सम्मेलन के आयोजन में इनकी रहेगी भूमिका 

    सम्मेलन का नेतृत्व डा. अनुपम राय (कन्वेनर 1) करेंगे, जिन्हें फूड प्रोसेस इंजीनियरिंग, सस्टेनेबल टेक्नोलाजी एवं कम्युनिटी-बेस्ड इनोवेशन में ट्रांसलेशनल रिसर्च के लिए जाना जाता है

    डा. बापी गोरेन (कन्वेनर 2) फार्मास्युटिक बायोटेक्नोलाजी एवं सीएनएस ड्रग डिलीवरी में विशेषज्ञ हैं, जो बहु-आयामी इनोवेशन एवं विश्वस्तरीय विज्ञानी नेटवर्क के लिए जाने जाते हैं।