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चार लाख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की तैयारी में विहिप, जानें मिलिंद परांडे ने और क्‍या कहा

Milind Parande VHP Jharkhand News विहिप ने राज्य सरकारों से अपील करते हुए कहा है कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करें। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 07:49 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 07:53 PM (IST)
चार लाख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की तैयारी में विहिप, जानें मिलिंद परांडे ने और क्‍या कहा
Milind Parande VHP, Jharkhand News विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे।

रांची, [संजय कुमार]। Milind Parande VHP, Jharkhand News विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अब देश के चार लाख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान शुरू करने की तैयारी में है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने इसका संकेत देते हुए कहा है कि देश के लगभग चार लाख मंदिरों पर राज्य सरकारों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने राज्यों की सरकारों से देश के सभी मठों व मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विहिप के स्तर से इस मसले पर शीघ्र ही राज्य सरकारों से वार्ता होगी। जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी।

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दैनिक जागरण से बातचीत में मिलिंद परांडे ने कहा कि दानदाताओं द्वारा मठ-मंदिरों को दी गई जमीनों का उपयोग दूसरे कामों के लिए किया जा रहा है। समाज हित में इसका उपयोग नहीं हो रहा है। आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर सहित कई संगठनों ने भी ट्वीट कर विहिप की इस पहल का समर्थन किया है। नरेंद्र ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा है कि हिंदू मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने चाहिए तथा उनका संचालन समाज के स्तर से होना चाहिए। मंदिर में आए धन का उपयोग सामाजिक कार्यों में होना चाहिए।

हिंदू धर्म के प्रचार के केंद्र बनें मंदिर

परांडे ने कहा कि देश के सभी मंदिर हिंदू धर्म के प्रचार के केंद्र बनने चाहिए। मंदिरों के दान का उपयोग हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए होना चाहिए। कई सरकारों द्वारा मंदिरों पर कब्जा कर भारतीय संस्कृति को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। कई मंदिरों में तो पूजा पाठ तक ठीक से नहीं हो रहा है। इसके लिए समाज के लोगों को आगे आकर सरकारों पर दबाव बनाना चाहिए कि वे मंदिरों के संचालन की जिम्मेदारी समाज को सौंपें।

तिरुमाला मंदिर के दान का 85 फीसद हिस्सा सरकार के खाते में

केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर में प्रतिवर्ष दर्शनार्थियों के दान से लगभग 1300 करोड़ रुपये आते हैं। इसमें से 85 फीसद राशि राजकोष में चली जाती है। आंध्र प्रदेश सरकार के कहने पर वहां के 10 मंदिरों को अपनी जमीन गोल्फ कोर्स बनाने के लिए देनी पड़ी, जबकि हिंदुओं ने इस कार्य के लिए जमीन नहीं दी थी। वर्षों से हिंदू मंदिरों से हुई आमदनी का उपयोग राज्य सरकारें मनमाने ढंग से कर रही हैं। जबकि हिंदू इसके लिए चढ़ावा नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि जब दूसरे धर्म व समुदाय के लोगों को अपने धार्मिक स्थलों का प्रबंधन बिना किसी सरकारी रोकटोक के करने की छूट है तो हिंदुओं के लिए यह बंदिश क्यों है?


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