Jharkhand crime: जेल में बंद कारोबारी विनय सिंह ने बिहार बंगाल में भी किया था निवेश, दुबई तक के कनेक्शन खंगाल रही एसीबी
राज्य में शराब घोटाला और भूमि घोटाले में आरोपी विनय सिंह फिलहाल जेल में हैं। एसीबी उनके बिहार, बंगाल में निवेश और दुबई कनेक्शन की जांच कर रही है। निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे पर विनय सिंह को सहयोग करने का आरोप है। एसीबी को कुछ नौकरशाहों के काले धन के निवेश की भी सूचना मिली है। छापेमारी में मिली फाइलों से घोटाले की जानकारी मिलने की उम्मीद है। तत्कालीन जेल अधीक्षक पर विनय सिंह को विशेष सुविधा देने का आरोप है।

राज्य ब्यूरो, रांची । राज्य में शराब घोटाला, हजारीबाग में खासमहाल व वन भूमि घोटाला मामले में आरोपित कारोबारी विनय सिंह वर्तमान में हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में बंद हैं।
एसीबी इन सभी घोटाला मामले में उनकी भूमिका की तो जांच ही रही है, उनके निवेश को भी खंगाल रही है। एसीबी को अब तक की जांच में कारोबारी विनय सिंह के माध्यम से बिहार व बंगाल में निवेश की जानकारी मिली है।
उनके दुबई कनेक्शन व वहां निवेश के बिंदु पर भी छानबीन चल रही है। एसीबी को सूचना है कि निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के सहयोग से विनय सिंह ने करोड़ों रुपये का निवेश किया है।
एसीबी को यह भी सूचना मिली है कि विनय सिंह ने कुछ नौकरशाहों के काले धन को भी निवेश किया है, जो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
नेक्सजेन आटोमोबाइल के मालिक विनय सिंह की गिरफ्तारी के बाद 28 सितंबर को एसीबी ने उनसे जुड़े चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में एसीबी को 198 फाइलें, 27 सीपीयू व लैपटाप आदि मिले थे, जिसे एसीबी ने जब्त कर जांच शुरू की थी।
इन फाइलों की जांच के क्रम में ही विनय सिंह के निवेश के संबंध में जानकारी सामने आई है। एसीबी ने जब्त फाइलों के आधार पर यह दावा किया था कि ये फाइलें राज्य में शराब घोटाले का मामला सुलझाने में अहम साबित होगी।
एसीबी ने विनय सिंह से जुड़े उनके रांची, गुमला व हजारीबाग के आटोमोबाइल शोरूम को सील भी किया था, जो अब तक सील हैं।सतत्कालीन जेल अधीक्षक पर भी विनय सिंह को जेल में विशेष सुविधा देने का लग चुका है आरोप
हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के तत्कालीन अधीक्षक जितेंद्र सिंह पर कारोबारी विनय सिंह को जेल में विशेष सुविधा देने का आरोप लग चुका है।
एसीबी ने इस मामले में जितेंद्र सिंह से पूछताछ भी की थी और उनके आइफोन आदि को जब्त किया था। जितेंद्र सिंह उसके बाद से ही हजारीबाग से बाहर हैं। उनके स्थान पर एक दंडाधिकारी स्तर के अधिकारी को जेल अधीक्षक का प्रभार मिला हुआ है।
एसीबी सूत्रों के अनुसार जितेंद्र सिंह ने एसीबी की पूछताछ में यह स्वीकार लिया है कि उन्होंने जेल मैनुअल से इतर जाकर विनय सिंह को जेल में विशेष सुविधा उपलब्ध कराया। उनका यह बयान कलमबद्ध हो चुका है। बताया जा रहा है कि अभी आगे भी जितेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ेंगी।
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