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    Pulwama Attack: पुलवामा के शहीद विजय सोरेंग का जिक्र होते ही गर्व से भर जाता है गांव-जेवार

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Sun, 14 Feb 2021 08:18 AM (IST)

    Pulwama Attack झारखंड के फरसमा गांव के विजय सोरेंग 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके घर और गांव के लोग आज भी दो साल पहले की इस घटना को याद कर सिहर उठते हैैं।

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    Pulwama Attack: विजय सोरेंग 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए।

    गुमला, जासं। Jharkhand News, Pulwama Attack, Pulwama Terror Attack बसिया प्रखंड के फरसमा गांव के विजय सोरेंग 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके  बलिदान पर देश सहित जिले के लोगों को गर्व है। उनके घर और गांव के लोग आज भी दो साल पहले की इस घटना को याद कर सिहर उठते हैैं। पूरे देश के साथ इस गांव के लोगों ने भी पुलवामा के दर्द को बहुत करीब से महसूस किया है।

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    गांव और घर वाले कहते हैं कि हमने अपना लाल खोया है, लेकिन देश के लिए हम सब जान न्योछावर करने को तैयार हैैं। शहीद के गांव में बच्चों और युवाओं में वतन के लिए मर-मिटने के जज्बे को इस घटना ने और भी गहरा कर दिया। शहीद विजय सोरेंगे का जिक्र होते ही गांव वाले गर्व से भर जाते हैैं। गांव के बड़े-बुजुर्ग से लेकर महिलाओं तक का कहना है कि देश के लिए यहां के और भी बेटों को शहीद होना पड़े तो कोई बात नहीं। सबके मन में एक उम्मीद भी है कि देश से आतंकवाद का खात्मा हो।  14 फरवरी आते ही फिर से विजय सोरेंग की याद गांव में ताजा हो गई है।    

    बलिदानी के गांव में सुविधाओं का अभाव

    बलिदानी का गांव आज भी एक सड़क के लिए तरस रहा है। उनके गांव में मूलभूत सुविधा सड़क, पानी का घोर कमी है। गांव तक आने वाली सड़क गड्ढों से पटी है। पंचायत फंड से बलिदानी के घर के समीप एक बोरिंग व सोलर जलमीनार लगा है लेकिन उसमें पानी नहीं है। यह जल मीनार मात्र तीन दिन में ही खराब हो गया। विजय के पिता वृष सोरेंग ने दुखी मन से कहा कि बेटे ने देश के लिए जान दे दी, लेकिन अभी तक विजय के पुत्र अरुण सोरेंग को सरकारी नौकरी नहीं मिली।

    इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर मांग भी की लेकिन इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ। विजय के सम्मान में कुम्हारी तालाब चौक के समीप विजय सोरेंग की प्रतिमा स्थापित करने,उच्च विद्यालय कुम्हारी के समीप उनके नाम से स्टेडियम बनानेे, फरसमा गांव में मूलभूत सुविधा सड़क,पानी की समुचित व्यवस्था करने की मांग पर भी कुछ नहीं हुआ है। झारखंड सरकार की ओर से की गई घोषणाएं पूरी नहीं हो सकी हैैं। 

    सब्जी बेचकर गुजारा कर रहीं बलिदानी की पत्नी

    तन समर्पित,मन समर्पित और यह जीवन समर्पित...। देश के जम्मू-कश्मीर राज्य  के पुलवामा आतंकी हमले में अपना सर्वस्व बलिदान देने वाले सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल विजय सोरेंग की पत्नी नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रही हैं।  विजय सोरेंगे मूल रूप से गुमला जिले के बसिया के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने सिमडेगा समेत पूरे झारखंड में 16 वर्षो तक अपनी सेवा दी थी।

    उनकी पत्नी विमला आज भी सिमडेगा के कोचेडेगा मायाटोली में रहती हैं। पति के बलिदान के बाद विमला देवी आज भी बड़ी मुश्किल हालात में अपने चार बच्चों का भरण-पोषण कर रही हैं। उनकी एक बेटी सृष्टि दिव्यांग हैं, जबकि 3 अन्य बच्चे अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं। विमला की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वह आजीविका चलाने के लिए कभी बाजार में सब्जी बेचती तो कभी अपने खेतों में पसीना बहाती नजर आती हैं। वह शनिवार को अनुमंडल पदाधिकारी सिमडेगा से मिलने व सहायता मांगने के लिए पहुंची थीं। एसडीओ के अन्य कहीं व्यस्त होने के कारण नहीं मिल पाईं। उन्होंने कहा कि उनका घर भी आधा-अधूरा है। अगर पीएम आवास मिल जाता है उसे राहत भी मिलती। उसने अपने लिए जिला प्रशासन से नौकरी की भी मांग की, जिससे वह अपना गुजारा ठीक से कर सकें। 

    आज दी जाएगी श्रद्धांजलि

    पुलवामा  हमले  में  शहीद हुए विजय सोरेंग को रविवार को श्रद्धांजलि दी जाएगी। शहीद की पत्नी वीरांगना विमला देवी ने बताया कि घर में तस्वीर रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। उन्होंने अपने पति का स्मारक भी बनवाने की मांग रखी है।