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    अखंड सौभाग्य ही नहीं, कई मान्यताएं जुड़ी हैं बरगद से

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jun 2021 07:45 AM (IST)

    बरगद का पेड़ हर प्रकार से महत्वपूर्ण है। महाज्ञान देने और पितरों को तारने के अलावा भी इसकी कई मान्यताएं हैं। ...और पढ़ें

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    अखंड सौभाग्य ही नहीं, कई मान्यताएं जुड़ी हैं बरगद से

    जासं, रांची: बरगद का पेड़ हर प्रकार से महत्वपूर्ण है। महाज्ञान देने और पितरों को तारने वाले वृक्ष बरगद की पूजा दस जून को की जाएगी। वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति, सुख-समृद्धि की संकल्पना को साकार करने के लिए निर्जला व्रत रखकर वट अर्थात बरगद के वृक्ष का पूजन करेंगी। कई मान्यताएं हैं बरगद से जुड़ी हुई। एक यह है कि इसमें त्रिदेव बसते हैं। पत्ते में विष्णु, जड़ों में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव। इसकी छांव में मां लक्ष्मी का वास माना गया है। वहीं आक्सीजन देने के मामले में बरगद का पेड़ दूसरे पायदान पर है।

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    बरगद के फायदे:

    बिरसा कृषि विवि के वानिकी विभाग के औषधि पौध विशेषज्ञ डा. कौशल कुमार बताते हैं कि बरगद का विज्ञानी नाम फाइकस बेंगालेंसिस है। सूखा और पतझड़ आने पर भी ये हरा रहता है। एक सामान्य आकार से पेड़ से बरगद का पेड़ कहीं ज्यादा आक्सीजन देता है। इसके जड़ से लेकर पत्तों तक में औषधीय गुण हैं। यहां तक की इसकी छाल से निकलने वाले दूध का भी औषधीय गुण है। इसके अलावा इसका औद्योगिक इस्तेमाल भी किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है। इसका इस्तेमाल विभिन्न दवाओं में किया जाता है।

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    कहां और कैसे उगाएं -

    बिरसा कृषि विवि के डीन वानिकी बताते हैं कि बरगद जमीन में लगाना काफी आसान है। इसके लिए एक सप्ताह पहले दो गुणे दो फीट का गड्ढा खोदकर छोड़ दें। इसके बाद इसके बाद मिट्टी में गोबर का खाद मिलाकर पौधे को लगाएं। उन्होंने बताया कि वैसे तो ज्यादातर लोग बरगद को जमीन में लगाते हैं। मगर इसे गमले में भी लगाया जा सकता है। इसके लिए वर्ष में एक बार इसके जड़ों की प्रोनिग करनी पड़ेगी।

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    हम लेते हैं संकल्प:

    वट सावित्री व्रत के लिए मैंने अपने घर में गमले में पौधा लगा रखा है। इस बार नायक तालाब के किनारे मैं बरगद का एक पौधा लगाउंगी।

    अनु गुप्ता, चुटिया

    बरगद का बड़ा धार्मिक महत्व है। बौद्ध धर्म में भी बरगद की पूजा की जाती है। वट वृक्ष से आसपास के वातावरण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

    रंजु सिंह, स्टेशन रोड

    पिछले कई वर्षों से मैं वट सावित्री का व्रत कर रही हूं। ये पूजा स्वजनों की लंबी आयु के लिए की जाती है। इस वर्ष मैंने बरगद का पौधा घर में लगाने का संकल्प लिया है।

    किरण सिंह, रातू रोड।