वनवासी कल्याण आश्रम सभी जनजातीय क्षेत्रों में करेगा काम, प्रांत स्तरीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग में लिया गया संकल्प
वनवासी कल्याण आश्रम का तीन दिवसीय प्रांत स्तरीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग देश के सभी जनजाति क्षेत्रों में काम प्रारंभ करने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। समिति से जुड़े अध्यक्ष महामंत्री सचिव व कोषाध्यक्षों ने तय किया कि कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जनजाति बहुल उन सभी जिलों में काम प्रारंभ किया जाएगा जहां अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है।

संजय कुमार, जागरण, रांची । वनवासी कल्याण आश्रम का तीन दिवसीय प्रांत स्तरीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग देश के सभी जनजाति क्षेत्रों में काम प्रारंभ करने के संकल्प के साथ रविवार को रांची में संपन्न हुआ।
समिति से जुड़े अध्यक्ष, महामंत्री, सचिव व कोषाध्यक्षों ने तय किया कि कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जनजाति बहुल उन सभी जिलों में काम प्रारंभ किया जाएगा, जहां अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति की झलक जनजाति समाज के आंगन और अखड़ा में देखने को मिलती है। प्रकल्प हमारे माध्यम हैं तो कार्यकर्ता हमारे कार्य की रीढ़।
कल्याण आश्रम का सेवा कार्य बढ़ाने को सामूहिक संकल्प लें
सभी के सामंजस्य से ही हम अपने कार्य को बढ़ा सकते हैं। जिन जनजातीय क्षेत्रों में हम नहीं पहुंच पाए हैं, वहां सामूहिक संकल्प लेकर कल्याण आश्रम के सेवा कार्य को लेकर जाएं।
अभी देश के 476 जनजाति बहुल जिलों में से 377, 2510 वनवासी विकास खंड में से 1418 एवं 1,87, 738 जनजाति बहुल गांवों में से 64,814 में वनवासी कल्याण आश्रम का कार्य चल रहा है।
समापन सत्र के अंत में भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से लाई गई पवित्र मिट्टी के कलश को सभी प्रांत के प्रतिनिधियों को सौंपी गई।
भगवान बिरसा मुंडा का संदेश लेकर कार्यकर्ता अपने-अपने प्रांतों में जाकर विधिवत इस कलश को स्थापित करेंगे। इस मौके पर राष्ट्रीय जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने जनजाति क्षेत्र की समस्याओं व जनजाति महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर विस्तार से विचार रखा।
उन्होंने कहा कि हमें वनवासी कल्याण आश्रम जैसी संस्था का एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है जो जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ जनजातीय संस्कृति, परंपरा और उनके अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही है। हमें इस अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए।
जैतराम पवार को किया गया सम्मानित
वर्ग में राष्ट्रीय संगठन मंत्री अतुल जोग द्वारा लिखित ' अनुभूति ' पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर चैतराम पवार ने बारीपाड़ा के विकास की गाथा सबके साथ साझा की।
इसके साथ ही महाराष्ट्र के धुलिया जिलांतर्गत जनजाति गांव बारीपाड़ा को जल एवं पर्यावरण संरक्षण और समग्र विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए प्रयासरत पद्मश्री से विभूषित चैतराम पवार का विशेष सम्मान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. एच. के. नागु और तेची गुबीन द्वारा किया गया।
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