Jharkhand News: यूपीएससी ने 10 नवंबर को बुलाई प्रोन्नति समिति की बैठक, DGP के शामिल होने पर संशय
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस में प्रोन्नति के लिए 10 नवंबर को बैठक बुलाई है। इस बैठक में नौ आईपीएस पदों के लिए 17 डीएसपी के नामों पर विचार होगा। एएसपी अविनाश कुमार की प्रोन्नति पर भी विचार होगा। अनुराग गुप्ता की डीजीपी के रूप में स्वीकृति पर संशय बरकरार है, क्योंकि पूर्व में यूपीएससी ने उन्हें डीजीपी मानने से इनकार कर दिया था।

DGP अनुराग गुप्ता के शामिल होने पर संशय। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। अब राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) संवर्ग में प्रोन्नति को लेकर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने नई तिथि तय की है।
आने वाले 10 नवंबर को यूपीएससी में प्रोन्नति समिति की बैठक निर्धारित की गई है। इस बैठक में प्रोन्नति से भरे जाने वाले आईपीएस के रिक्त नौ पदों के विरुद्ध 17 सीनियर डीएसपी के नामों पर तो विचार होगा ही, एक एडिशनल एसपी (एएसपी) अविनाश कुमार की लंबित प्रोन्नति पर भी विचार होगा, जिसके लिए कोर्ट ने यूपीएससी को आदेशित किया है। ये एएसपी अविनाश कुमार वर्तमान में जैप-2 टाटीसिलवे में पदस्थापित हैं।
यूपीएससी ने सिर्फ बैठक की तिथि निर्धारित की है, उसके लिए दिशा-निर्देश तय नहीं किया गया है। इस बार की बैठक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में यूपीएससी स्वीकार करेगा या नहीं, इसपर कोई ठोस निर्णय अभी नहीं हो सका है।
पूर्व में 13 अगस्त को अनुराग गुप्ता के चलते ही यूपीएससी में प्रोन्नति बोर्ड की बैठक नहीं हो सकी थी। तब यूपीएससी ने उन्हें डीजीपी मानने से इंकार कर दिया था, जिसके चलते वे बैठक में शामिल नहीं हुए और बैठक स्थगित करनी पड़ी थी।
उस बैठक में शामिल होने के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दादेल व डीजीपी अनुराग गुप्ता दिल्ली गए थे। तीनों ही अधिकारी यूपीएससी में प्रोन्नति समिति की बैठक के लिए पदेन सदस्य होते हैं।
13 अगस्त की बैठक स्थगित होने के बाद योग्य अधिकारियों की प्रोन्नति बाधित होता देख राज्य सरकार की ओर से गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सितंबर महीने में (यूपीएससी) से आग्रह किया था कि वे बैठक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में शामिल कराएं, या फिर बिना डीजीपी के ही प्रोन्नति समिति की बैठक करें।
जल्द बैठक नहीं होने से योग्य अधिकारी अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए जल्द तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया था। इसके बाद ही यूपीएससी ने राज्य सरकार के पत्र पर विचार के बाद 10 नवंबर की तिथि निर्धारित की।
इस बैठक में मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह सचिव वंदना दादेल तो जाएंगे ही, डीजीपी अनुराग गुप्ता के नाम पर सहमति बनी है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
ये हैं 17 सीनियर डीएसपी, जिनकी आईपीएस में प्रोन्नति पर होना है विचार
यूपीएससी में डीएसपी से आईपीएस संवर्ग में प्रोन्नति के लिए 17 सीनियर डीएसपी की फाइल भेजी गई थी। आईपीएस संवर्ग में कुल नौ रिक्त पदों पर प्रोन्नति के लिए यह बैठक प्रस्तावित थी।
जिन 17 सीनियर डीएसपी की फाइल पर बैठक होनी थी, उनमें शिवेंद्र, राधा प्रेम किशोर, मुकेश कुमार महतो, दीपक कुमार-1, मजरूल होदा, राजेश कुमार, अविनाश कुमार, रौशन गुड़िया, श्रीराम समद, निशा मुर्मू, सुरजीत कुमार, वीरेंद्र कुमार चौधरी, राहुल देव बड़ाईक, खीस्टोफर केरकेट्टा, प्रभात रंजन बरवार, अनूप कुमार बड़ाईक व समीर कुमार तिर्की शामिल हैं।
यूपीएससी ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी मानने से किया था इंकार
यूपीएससी ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी मानने से इनकार किया था। केंद्र सरकार ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल से ही सेवानिवृत्त माना है। इसके लिए केंद्र ने राज्य सरकार को पत्राचार भी किया था और अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश भी दिया था।
राज्य सरकार ने जिस नियुक्ति नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार दिया था, उस नियमावली को केंद्र सरकार ने नियम विरुद्ध तथा असंवैधानिक बताया था और उसे मानने से इनकार किया था।
वहीं, राज्य सरकार ने अनुराग गुप्ता का डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार को वैध बताया था। 13 अगस्त की बैठक में भी इसी नियमावली का हवाला देकर अधिकारियों ने यूपीएससी से बैठक में डीजीपी को शामिल कराने का आग्रह किया था, लेकिन यूपीएससी इसके लिए तैयार नहीं हुआ था। अब 10 की बैठक में क्या होगा, यह उस दिन स्पष्ट होगा।

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