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    Jharkhand: झारखंड में मुआवजे का खुला खेल, कई आश्रितों को दो-दो बार मुआवजा, केंद्र ने वापस मांगे पैसे...

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2021 06:47 PM (IST)

    Militant Violence in Jharkhand उग्रवादी हिंसा के शिकार आठ लोगों के आश्रितों में मुआवजे की राशि दोबारा बांट दी गई। प्रत्येक आश्रित को तीन लाख रुपये मुआ ...और पढ़ें

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    Militant Violence in Jharkhand प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन।

    रांची, राज्य ब्यूरो। Militant Violence in Jharkhand उग्रवादी हिंसा के शिकार आठ लोगों के आश्रितों में मुआवजे की राशि दोबारा बांट दी गई। प्रत्येक आश्रित को तीन लाख रुपये मुआवजा के हिसाब से कुल 24 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है। इसका खुलासा केंद्रीय ऑडिट में हुआ है। अब केंद्र सरकार ने अतिरिक्त भुगतान से संबंधित अपनी राशि वापस करने के लिए राज्य सरकार से पत्राचार किया है।

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    पूरा मामला रांची से संबंधित

    उग्रवादी हिंसा में मरने वालों के आश्रित के लिए केंद्रीय अनुदान के रूप में तीन लाख रुपये प्रति मृतक देने का प्रावधान है। सभी आठ मृतकों के आश्रितों को 2011 से 2013 के बीच 24 लाख रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया था। इसके बावजूद रांची जिला प्रशासन ने लापरवाही बरतते हुए 2018 व 2019 में दो बार में कुल 24 लाख रुपये का भुगतान फिर कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय की इंटरनल ऑडिट विंग ने इस अनियमितता को पकड़ा और अतिरिक्त भुगतान की राशि की वसूली की अनुशंसा की है।

    इन्हें दोबारा दी गई है मुआवजा राशि

    जॉन नाग, लखिमनी देवी, रसोवती देवी, बॉबी देवी, देगम महतो, रंजीत महतो, हरिराम महतो, बुंदिया मुंडा।

    उग्रवादी हिंसा में मृतक के आश्रित को नौकरी देती है राज्य सरकार

    झारखंड में उग्रवादी हिंसा में मारे जाने वाले एक व्यक्ति के आश्रित को राज्य सरकार नौकरी देती है। आश्रित परिवार को केंद्र का अनुदान भी मिलता है।