दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा शुरू, शक्ति खूंटा की हुई पूजा
माडर के मुड़मा गाव में गुरुवार को दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा शुरू हुआ।
संसू, मांडर : माडर के मुड़मा गाव में गुरुवार को दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा शुरू हुआ। हालांकि, इस दौरान कोविड गाइडलाइन के कारण यहां पर मेला नहीं लगा, लेकिन जतरा खूंटा की पूजा की गई। जतरा का समापन शुक्रवार को होगा। केंद्रीय राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा की अगुवाई में ऐतिहासिक जतरा शक्ति खूंटा का चालीसों पड़हा के पाहन, पुजार, महतो आदि द्वारा दीप प्रज्वलित कर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर जतरा की शुरुआत की गई। समारोह में मुख्य अतिथि विधायक बंधु तिर्की ने मुड़मा में लगने वाले जतरा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस जतरा मेले का अलग इतिहास है। हमें इस इतिहास को जानना चाहिए। यह हमारी परंपरा का संवाहक है। हमारे इतिहास से यह जतरा गहरे जुड़ा है। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए भी इस जतरा के महत्व से अवगत कराना चाहिए। यह हमारे अतीत का स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने कहा, आज कोरोना महामारी के कारण भले ही इस जतरा में भीड़ देखने को नहीं मिल रही है, लेकिन इससे मुड़मा जतरा का महत्व कम होने वाला नहीं है। जैसे ही हालत सामान्य होगा, जतरा का वही विहंगम दृश्य एक बार फिर सबको देखने को मिलेगा। कहा कि वे जतरा खूंटा से प्रार्थना किए हैं कि जल्द से जल्द पूरे विश्व को इस कोरोना महामारी से मुक्ति मिले, जिससे लोगों का जीवन पूर्व की भाति सामान्य हो। जतरा स्थल पर डीएसपी अनिमेष मैथानी और थाना प्रभारी राणा जंग बहादुर सिंह की अगुवाई में पुलिस की टीम सक्रिय थी। वहीं, सुनिश्चित किया गया कि मेला स्थल पर किसी प्रकार की दुकान न लगे, जिससे भीड़ उमड़ने की आशंका बने। जतरा खूंटा पूजा-अर्चना के दौरान इंस्पेक्टर संजीव कुमार, बीडीओ सुलेमान मुंडरी, सीओ विजय हेमराज खलखो, जतरा समिति के रंथू उराव, अनिल उराव, बिहारी उराव, कमले कोस्पोट्टा, डा. करमा उराव, सहदेव उराव, पप्पू तिवारी, रहमतुल्ला अंसारी सहित अन्य मौजूद थे।