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    झारखंड के इस जिले में मिला दो नए स्वर्ण भंडार, कोडरमा में लीथियम होने की संभावना; GSI ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

    झारखंड में सोने के दो नए भंडार का पता चला है। GSI ने राज्य सरकार से रांची के तमाड़ ब्लॉक स्थित इन दोनों गोल्ड रिजर्व की नीलीमी की प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित रिपोर्ट सौंप दी है। जेसीआइ के महानिदेशक जनार्दन प्रसाद ने शनिवार को यह जानकारी दी। वहीं बिहार और झारखंड में लिथीयम होने की बात शोध में सामने आ चुकी है।

    By Dibyanshu KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 18 Nov 2023 06:53 PM (IST)
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    झारखंड के इस जिले में मिला दो नए स्वर्ण भंडार

    राज्य ब्यूरो, राची। झारखंड में सोने के दो नए भंडार की जानकारी मिली है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार को रांची जिले के तमाड़ ब्लॉक स्थित इन दोनों गोल्ड रिजर्व की नीलीमी की प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित रिपोर्ट सौंप दी है।

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    जेसीआइ के महानिदेशक जनार्दन प्रसाद ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि रांची जिले के तमाड़ बॉलाक में बबाईकुंडी और सिंदौरी-घनश्यामपुर में ये दोनों नए सोने के भंडार मिले हैं। बबाईकुंडी में 0.510 टन और सिंदौरी में 0.767 टन सोना होने का अनुमान विभाग के सर्वे में लगाया गया है।

    उन्होंने बताया कि उर्जा जरूरतों के लिए क्रिटिकल मिनरल्स के महत्व को देखते हुए किए गए शोध में कोडरमा में लीथियम होने के प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं। कोडरमा के माइका बेल्ट में लीथियम की खोज के लिए आगे के चरण की तैयारी की जा रही है।

    सोने के दो ब्लॉक की हो चुकी है नीलामी

    तमाड़ के परासी में पहले से देश का सबसे बड़ा सोने का खदान है, जो करीब 70 हेक्टेयर में फैला है। यहां 9.894 टन सोने के भंडार का अनुमान है। साल 2017 में इसे रूंगटा माइंस ने नीलामी में हासिल किया है, लेकिन फारेस्ट क्लीयरेंस और दूसरी कुछ वजहों से यहां उत्खनन नहीं हो पा रहा है।

    सरायकेला-खरसावां जिले में भी पहाड़िया गोल्ड माइंस की नीलामी हो चुकी है। इसे मैथन इस्पात ने लिया है, लेकिन यहां भी उत्खनन नहीं हो पाया है। सरायकेला में हेबन स्वर्ण खदान की भी जीएसआइ को जानकारी है, लेकिन अभी यहां और शोध चल रहा है। अभी सिर्फ लावा स्वर्ण खदान से ही उत्खनन हो रहा है।

    जम्मू, कोडरमा और भीलवाड़ा में लीथियम होने की संभावना

    जम्मू में लीथियम होने की पुष्टि जीएसआइ कर चुका है। महानिदेशक जनार्दन प्रसाद ने बताया कि लीथियम को माइका यानि अबरक का करीबी खनिज माना जाता है। बिहार और झारखंड के माइका बेल्ट में लिथीयम होने की बात आरंभिक शोध में सामने आई है। इसके आलावा राजस्थान के भीलवाड़ा में भी लीथियम का भंडार अनुमानित है।

    फासिल्स फ्यूल (कोयला, पेट्रोल आदि) के विकल्प के तौर पर अब लीथियम बैट्री को वैकल्पिक उर्जा स्रोत माना जा रहा है। अब तक चीन ही दुनिया भर में लीथियम की आपूर्ति कर रहा है।

    चिली, बोलिबिया और आस्ट्रेलिया से लीथियम ले जाकर चीन उसे संवर्धित करता है और दुनिया भर में बेचता है। भारत में लीथियम के भंडार मिल जाने से हमारी निर्भरता कम होगी और देश में ही लीथियम बैट्री का उत्पादन हो सकेगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहन समेत अन्य उर्जा आधारित संरचनाएं चलती हैं।

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