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    जैविक उद्यान में मीटिंग के दौरान दो भालू भिड़े, एक की मौत

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jun 2021 06:00 AM (IST)

    बिरसा जैविक उद्यान के देसी भालू मदारी की मौत हो गई है। वह 10 वर्ष का था। ...और पढ़ें

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    जैविक उद्यान में मीटिंग के दौरान दो भालू भिड़े, एक की मौत

    संसू, ओरमांझी : बिरसा जैविक उद्यान के देसी भालू मदारी की मौत हो गई है। वह 10 वर्ष का था। बताया गया कि ब्रिडिंग सेल में मीटिंग (प्रजनन की तैयारी) करने के दौरान नर भालू छोटू के साथ मदारी भालू की भिड़ंत हो गई। इस कारण वह घायल हो गया। शनिवार को लगभग 3:30 बजे हुई घटना की सूचना मिलते ही उद्यान निदेशक वाईके दास, उद्यान के पशु चिकित्सक डा. ओमप्रकाश साहू व वनक्षेत्र पदाधिकारी रामचंद्र पासवान भालू केज में पहुंचे। जहा वह गिरा पड़ा था। जाच करने पर उसकी मौत हो चुकी थी। भालू केज की दीवार पर भी भालू के साथ हुई लड़ाई के निशान खून लगा मिला है। उद्यान के चिकित्सक ने बताया कि उपचार का कोई भी मौका नहीं मिला। फिलहाल उद्यान के चिकित्सालय में भालू के शव को सुरक्षित रखवा दिया गया है। चिकित्सकों की एक टीम द्वारा रविवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।

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    जामताड़ा से आया था भालू मदारी

    पिछले वर्ष आठ अक्टूबर को ही देसी भालू मदारी को जामताड़ा वन प्रमंडल से रेस्क्यू कर जैविक उद्यान लाया गया था। इसके साथ ही उद्यान में देसी भालुओं की संख्या नौ हो गई थी। मदारी की मौत के बाद उद्यान में चार नर व चार मादा भालू सहित आठ देसी भालू ही बचे। इसके अलावा जैविक उद्यान में 10 हिमालयान भालू भी हैं। भालू की औसत उम्र 40 वर्ष होती है। 10 वर्ष की उम्र में मदारी भालू की मौत हो गई। इससे एक दिन पूर्व 10 वर्ष की उम्र में ही उद्यान के बीमार बाघ शिवा की भी मौत हो गई थी। दो दिन में दो पशुओं की मौत से उद्यान प्रशासन व उद्यानकर्मी दुखी हैं।

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    भोजन देने गए केज कीपर ने दी जानकारी

    जैविक उद्यान के भालू केज कीपर भोला महतो ने बताया कि सुबह में भालुओं को भोजन दिया। उस समय सब कुछ सामान्य था। शाम से पहले जब भोजन देने दोबारा गए तो देखा भालू गिरा पड़ा है। इसके बाद उद्यान प्रशासन को सूचना दी। वहीं, डा. ओमप्रकाश साहू ने बताया कि जैसे ही भालू के घायल होने की सूचना मिली। उद्यान के निदेशक वाईके दास व अन्य पदाधिकारियों के साथ केज पर पहुंचे। पर, तबतक भालू की मौत हो चुकी थी।

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    मीटिंग के समय में पशुओं में होती है फाइट

    उद्यान के पशु चिकित्सक डा. ओमप्रकाश साहू ने बताया कि अभी वन पशुओं की मीटिंग व प्रजनन का समय है। इस प्रक्रिया में पशुओं का व्यवधान न हो और कोई परेशानी न हो उसका भी ख्याल रखा जाता है।

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    राची से रेस्क्यू कर जैविक उद्यान लाया गया लंगूर

    संसू, ओरमांझी : राची से रेस्क्यू कर एक लंगूर को जैविक उद्यान लाया गया। बताया गया कि एकरा मस्जिद हिन्दपीढ़ी राची के पास लंगूर होने की सूचना वन विभाग को मिली। फारेस्ट गार्ड शिवनारायन महतो के नेतृत्व में एक टीम पिंजरा लेकर हिंदपीढ़ी पहुंची। यहां स्थानीय लोगों ने लंगूर को एक मकान में बंद कर रखा था। जहा से रेस्क्यू कर लंगूर को जैविक उद्यान लाया गया। इसमें वहा की स्थानीय पुलिस ने भी सहयोग किया। जैकिक उद्यान के चिकित्सक डा. ओमप्रकाश साहू ने कहा कि उद्यान लाया गया लंगूर लगभग 10 वर्ष का है और पूरी तरह स्वस्थ्य है। फिलहाल उसे एक माह के लिए क्वारंटाइन में रखा गया है। इसके बाद उसे केज में छोड़ा जाएगा।