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पलामू के बार्डर इलाके में पोस्ता की खेती करा रहा टीएसपीसी, लेवी की राशि कम मिलने से आय इस तरीके से बढ़ा रहे आय

प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी लेवी की राशि कम मिलने से आय को बढ़ाने के लिए पलामू के बार्डर इलाके में पोस्ता की खेती करा रहा है। टीएसपीसी पलामू जिले के बिहार बाॅर्डर इलाके में पोस्ता की खेती करा रहा है। इसमें पलामू का नौडीहा बाजारमनातू व पिपराटांड थाना क्षेत्र शामिल है। इनकी आय का सबसे बड़ा साधन पोस्ता की खेती बन गया है।

By Murtaja Amir Edited By: Arijita Sen Published: Thu, 08 Feb 2024 05:01 PM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2024 05:01 PM (IST)
पलामू के बार्डर इलाके में पोस्ता की खेती करा रहा टीएसपीसी।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। लेवी कम मिलने से प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) दूसरे स्रोत से आय बढ़ाने में लगा है। इसके तहत टीएसपीसी पलामू जिले के बिहार बाॅर्डर इलाके में पोस्ता की खेती करा रहा है। इसमें पलामू का नौडीहा बाजार,मनातू व पिपराटांड थाना क्षेत्र शामिल है।

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पोस्‍ता की खेती टीएसपीसी की आय का सबसे बड़ा साधन

जहां ग्रामीणों की मिलीभगत से हर साल जंगल की जमीन के साथ-साथ रैयती जमीन पर बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती कराई जाती है। इस साल भी उक्त इलाके में पोस्ता की फसल लहलहा रही है।

हालांकि, इसकी सूचना मिलने पर पलामू पुलिस ने अभियान चलाकर पोस्ता की खेती को नष्ट करने की कार्रवाई की है। आज स्थिति यह है कि टीएसपीसी की आय का सबसे बड़ा साधन पोस्ता की खेती बन गया है।

साल 2009-10 से शुरू हुई थी पोस्ता की खेती

प्रतिबंधित नक्सली संगठन संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी ने सबसे पहले साल 2009-10 से पलामू, गया और चतरा जिला के बार्डर इलाके के अपने प्रभाव क्षेत्र में पोस्ता की खेती की शुरुआत की थी।

पोस्ता की खेती की शुरूआत चतरा का लावालौंग, पलामू के पिपराटांड़ के इलाके से हुई थी। यह दोनों इलाका टीएसपीसी का गढ़ रहा है और इसी इलाके से इस संगठन का जन्म भी हुआ है। पोस्ता की खेती करवाने के आरोप में कई टीएसपीसी के नक्सली भी पहले गिरफ्तार हो चुके है।

पोस्ता की खेती नष्ट करने के दौरान पहली बार किया हमला

झारखंड पुलिस हर साल दिसंबर से लेकर मार्च के महीने तक अवैध पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान चलाती है। अभियान के तहत पलामू, चतरा और लातेहार के साथ ही बिहार बार्डर से सटे इलाके में चलाया जाता है।

इस अभियान के तहत सैकड़ों एकड़ में लगे पोस्ता की फसल को नष्ट किया जाता है। पोस्ता की खेती को नष्ट करने के दौरान पुलिस दल पर हमला करने का की पहले कोई घटना नहीं घटी है।

पहली बार चतरा जिला में सात फरवरी 24 को पोस्ता की फसल नष्ट कर लौट रही पुलिस टीम पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया है। घात लगाकर हमला करने की रणनीति भाकपा माओवादियाें की रही है।

पहली बार टीएसपीसी का घात लगाकर पुलिस दल पर हमला करना कहीं ना कहीं यह इंगित करता है कि उसका भाकपा माओवादियाें से सांठगाठ है।

चतरा की घटना के बाद से पलामू जोन की पुलिस अलर्ट है। पुलिस को पोस्ता की खेती नष्ट करने या किसी प्रकार की अन्य कार्रवाई के दौरान सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है- राजकुमार लकड़ा, जोनल आइजी, पलामू।

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