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    Tribe TV: अब आदिवासियों का होगा अपना सैटेलाइट चैनल, पांच राज्‍यों में होगा प्रसारित

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Tue, 10 Aug 2021 06:35 AM (IST)

    Tribe TV Satellite Channel of Tribal Jharkhand News आदिवासियों का सैटेलाइट चैनल ट्राइब टीवी संताली भाषा में प्रसारित होगा। इसका बंगाल में मुख्यालय होगा। इसका पांच से अधिक आदिवासी बहुल राज्यों में विस्तार होगा। संताली के बाद अन्य जनजातीय भाषाओं में भी इसकी लांचिंग होगी।

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    Tribe TV, Satellite Channel of Tribal, Jharkhand News आदिवासियों का सैटेलाइट चैनल ट्राइब टीवी संताली भाषा में प्रसारित होगा।

    रांची, [प्रदीप सिंह]। ब्यूरोक्रेसी से लेकर राजनीति और खेल के मैदान से लेकर ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का झंडा गाड़ रहे जनजातीय समुदाय के लिए एक और अच्छी खबर है। आदिवासी समुदाय के लिए उनकी अपनी भाषा का पहला सैटेलाइट टीवी चैनल 'ट्राइब टीवी' होगा। इस न्यूज टीवी चैनल का प्रसारण लाइसेंस निर्गत होने के बाद परीक्षण (टेस्ट रन) चल रहा है। पंद्रह दिनों के भीतर यह विभिन्न सैटेलाइट प्लेटफार्म पर दर्शकों के लिए सुलभ होगा।

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    फिलहाल संताली भाषा में इस चैनल को लांच किया गया है। बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के रायगंज में इस चैनल का मुख्यालय है, जहां से इसकी तमाम संचालन संबंधी गतिविधियों समेत सीधा प्रसारण होगा। इंफोटेंमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली कल्याणी सोल्वेक्स नामक संस्था इसका संचालन करेगी। चैनल से जुड़े अधिकांश पेशेवर भी जनजातीय समुदाय के हैं। संताली भाषा आदिवासी समुदाय की सबसे प्रचलित और अधिक उपयोग की जाने वाली भाषा है।

    यह देश की 22 अधिसूचित भाषाओं में एक है। संताली के बाद ट्राइब टीवी की योजना अन्य लोकप्रिय जनजातीय भाषाओं मुंडारी, कुडूख में भी टीवी चैनल लांच करने की है। फिलहाल ट्राइब टीवी का फोकस बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार में होगा। इन प्रदेशों में संताली आदिवासियों की बड़ी तादाद है। असम में भी विस्तार करने का लक्ष्य है, जहां झारखंड से गए आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में हैं।

    अपनी भाषा में बेहतर सूचनाएं परोसना लक्ष्य

    ट्राइब टीवी की अग्रिम कतार में कार्य कर रहे पेशेवरों की टीम ने बेहतर संस्थानों से सूचना एवं जनसंपर्क पाठ्यक्रम करने वाले प्रतिभावान लोगों की टीम इकट्ठा की है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र रहे सुरेंद्र सोरेन इसकी संपादकीय टीम को लीड कर रहे हैं। सोरेन पाकुड़ के रहने वाले हैं और विभिन्न मीडिया संस्थानों में उन्हें कार्य करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने विभिन्न टीवी चैनलों को सेवाएं दी हैं। संताली भाषा पर भी उनकी गहरी पकड़ है।

    सोरेन ने कहा कि संताली भाषा में टीवी चैनल लांच करना एक अभिनव और चुनौती भरा प्रयोग है। अभी कई यूट्यूब चैनल चल रहे हैं, लेकिन पहला सैटेलाइट चैनल होने के कारण मुकाबला मुख्य धारा के चैनलों से होगा। कोशिश होगी कि संताली भाषा में बेहतर समाचार और कार्यक्रम पेश कर अपनी जगह बनाई जाए। सोरेन कहते हैं - यह गर्व का विषय है कि उन्हें संताली के पहले टीवी चैनल की अग्रिम टीम का नेतृत्व करने का मौका मिला है।