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    Jharkhand News: देश भर के आदिवासी प्रतिनिधि पहुंचे रांची, CM हेमंत ने कहा - झारखंड की मिट्टी में आदिवासी अस्मिता की शक्ति

    By Pradeep Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 09:04 PM (IST)

    रांची में देशभर के आदिवासी प्रतिनिधियों का आगमन हुआ। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की मिट्टी में आदिवासी अस्मिता की शक्ति है। उन्होंने आदिव ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज की संस्कृति, पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जताई।

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड की मिट्टी में आदिवासी अस्मिता की शक्ति बसती है। वे शुक्रवार को अपने आवासीय परिसर में देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।

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    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि झारखंड की धरती हमेशा से वीरता, स्वाभिमान और संघर्ष की प्रतीक रही है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा से लेकर दिशाेम गुरु शिबू सोरेन जैसे अनेक वीर‑वीरांगनाओं के त्याग और संघर्ष ने आदिवासी अस्मिता को नई दिशा दी है।

    आदिवासी समाज ने मानव सभ्यता के निर्माण एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आज भी इस समाज में एकता व जागरूकता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।

    झारखंड सरकार आदिवासी समाज की संस्कृति, पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सामाजिक, बौद्धिक और शैक्षणिक रूप से आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर कार्य हो रही है है।

    झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां आदिवासी समाज के विद्यार्थी सरकारी खर्च पर विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पूरे देश में आदिवासी समाज को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है।

    हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज के कमजोर वर्गों को मजबूती मिले और वे आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ें। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार द्वारा आदिवासी समाज के हित में उठाए गए कदमों की सराहना की और राज्य सरकार के साथ सहयोग का आश्वासन दिया।

    मिट्टी की रक्षा के लिए लड़ी है लंबी लड़ाई

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज में एक नई रोशनी जगी है। इसे और प्रखर करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार हर कदम पर आपके साथ है और हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

    आदिवासी समाज प्रकृति का उपासक है और पर्यावरण संरक्षण उसकी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। हमारे पूर्वजों ने इस धरती और मिट्टी की रक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण बाढ़, सुखाड़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं बढ़ी हैं। प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

    अस्तित्व-अधिकारों की रक्षा को निभाएंगे सक्रिय भूमिका

    हेमंत सोरेन ने प्रतिनिधियों की वर्षों की मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज के अस्तित्व और अधिकारों की रक्षा के लिए आने वाले दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने में वे स्वयं भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

    हमें एकजुट होकर ऐसा संघर्ष करना होगा, जिससे हमारी समस्याएं केवल आवाज बनकर न रह जाएं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के एजेंडे का हिस्सा बन सकें। हमें यह बताना होगा कि हम बिखरे लोग नहीं, बल्कि एक राष्ट्र–समुदाय हैं और इतिहास के कोने से निकलकर हमें भविष्य के केंद्र में पहुंचना है।

    कार्यक्रम में गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मणिपुर सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार द्वारा आदिवासी समाज के सशक्तीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

    प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार के साथ सतत सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि झारखंड की पहल ने पूरे देश में आदिवासी समाज के बीच नई ऊर्जा का संचार किया है। इस अवसर पर सभी प्रतिनिधियों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के त्याग, संघर्ष और योगदान को नमन करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

    कार्यक्रम में मंत्री दीपक बिरुआ, चमरा लिंडा, विधायक कल्पना सोरेन एवं अशोक चौधरी समेत बड़ी संख्या में देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।