धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ पर भड़के आदिवासी संगठन, कोल्हान बंद का किया आह्वान; सड़कों पर गाड़ियों की लगी लंबी कतारें
Jharkhand News in Hindi सरायकेला जिले के तितिरबिला गांव में जबरन जमीन अधिग्रहण आदिवासियों के धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ को लेकर बुधवार को कोल्हान बंद आह्वान किया है। आदिवासी समाज के लोगों ने सरायकेला गैरेज चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया जिससे रोड पर भारी जाम लग गया। चौक के दोनों ओर से वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है।

जागरण संवाददाता, सरायकेला। सरायकेला जिले के तितिरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण, आदिवासियों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले व अन्य मुद्दों को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठन द्वारा बुधवार को कोल्हान बंद आह्वान किया है।
कोल्हान बंद को लेकर सरायकेला गैरेज चौक पूरी तरह से हो समाज के लोगों ने जाम कर दिया है। चौक पर टायर जलाकर पारंपरिक हथियार से लैस होकर प्रशासन के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।
जाम के कारण चौक पर लगी लंबी कतारें
जाम के कारण चौक के दोनों ओर से वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। एक भी वाहन को पार होने नहीं दिया जा रहा है।
मौके पर फोर्स की तैनाती कर दी गई है। कई वाहन चालकों के साथ बंद समर्थकों की बकझक भी हुई है। जो जबरन वाहन को पार करना चाह रहे थे।

'हो' समाज युवा महासभा ने किया बंद का समर्थन
इस बंद को आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा, राष्ट्रीय कमिटि टीम की ओर से भी इस बंदी को नैतिक समर्थन दिया गया है।
समाज के महेंद्र महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 24 वर्ष बीत गए, चार आदिवासी मुख्यमंत्री एवं एक गैर आदिवासी मुख्यमत्री बने। कई सरकारें आई और गई, लेकिन झारखंडियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
ऐसा ही चलता रहा तो बदल जाएगी डेमोग्राफी
महेंद्र महतो ने आगे कहा कि कोल्हान लगभग 11548 वर्गक्षेत्र में फैला है और एशिया का सबसे बड़ा जंगल सारंडा भी यहीं अवस्थित है। लगभग कोल्हान के आधे भू भाग पर बड़े कारखाना लगाए गए हैं।
इसके साथ ही गाजिया वाराज, सीतारामपुर डैम, डिमना लेक, चांडिल डेम कुजू डेम बुरुड़ी डैम स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना ईचा खरकाई परियोजना सहित माइंस के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही विकास के नाम पर आगे भूमि अधिग्रहण होता रहेगा, तो कोल्हान का ज्योग्राफी व डेमोग्राफी ही बदल जाएगी।
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