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    Deoghar Kanwar Yatra: रांची से सुल्तानगंज के लिए सप्ताह में मात्र तीन दिन जाती है ट्रेन, स्पेशल ट्रेन के लिए रेलवे को भेजा प्रस्ताव

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 01:50 PM (IST)

    रांची से सुल्तानगंज के लिए सप्ताह में मात्र तीन दिन ही ट्रेन जाती है। इससे कांवरियों को जल उठाने में काफी परेशानी होती है। रेल उपभोक्ताओं ने सावन मेला को देखते हुए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। उधर श्रावणी मेला को ध्यान में रखते हुए रांची रेल मंडल ने भी दो स्पेशल ट्रेनों के परिचालन को लेकर प्रस्ताव रेलवे मुख्यालय भेजा गया है।

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    पर्याप्त ट्रेन सेवा नहीं होने के कारण बाबाधाम जाने वाले कांवरियों को जल लेने में होती है परेशानी।

    जागरण संवाददाता, रांची। पवित्र सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से होने वाली है। इस अवसर पर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक के लिए हजारों श्रद्धालु सुलतानगंज से गंगाजल लेकर कांवर यात्रा पर निकलते हैं।लेकिन झारखंड की राजधानी रांची से इसके लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है। 

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    श्रावणी मेला को ध्यान में रखते हुए रांची रेल मंडल की ओर से दो स्पेशल ट्रेनों के परिचालन को लेकर प्रस्ताव रेलवे मुख्यालय भेजा गया है। 

    पहला प्रस्ताव रांची-मुरी-धनबाद-सुलतानगंज होते हुए भागलपुर के लिए और दूसरा रांची-हजारीबाग-सुलतानगंज होते हुए भागलपुर के लिए है। मंजूरी मिलने के बाद ही ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा।

    रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से कांवरिये हर साल इस धार्मिक यात्रा में शामिल होते हैं। लेकिन अभी तक रेलवे की ओर से सुलतानगंज के लिए स्पेशल ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है। श्रद्धालुओं को एकमात्र रांची-गोड्डा एक्सप्रेस के सहारे यात्रा करनी पड़ रही है, जो सप्ताह में सिर्फ तीन दिन है।

    इसके अलावा रांची से किउल के लिए रांची-गोड्डा इंटरसिटी, मौर्य एक्सप्रेस, जयनगर एक्सप्रेस और रांची-पटना पाटलिपुत्रा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें जरूर हैं, लेकिन इनसे सीधे सुलतानगंज नहीं पहुंचा जा सकता।

    किउल से सुलतानगंज नजदीक जरूर है, लेकिन इसके लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ता है। इससे श्रद्धालुओं को अतिरिक्त परेशानी होती है। 

    इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी रेलवे को पत्र लिखकर रांची से भागलपुर के बीच स्पेशल ट्रेन चलाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि श्रावणी मेला हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है।

    इसमें हर साल हजारों कांवरिये रांची और आसपास के क्षेत्रों से सुलतानगंज पहुंचते हैं और वहां से करीब 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा बैद्यनाथ धाम में जल चढ़ाते हैं।

    रेलवे को ऐसे भी रांची से सुलतानगंज के लिए सीधे तौर पर यात्री गाड़ी का परिचालन करना चाहिए। यह कोई स्पेशल ट्रेन न हो, बल्कि रेगूलर ट्रेन हो। झारखंड पैसेंजर एसोसिएशन के प्रदेश सचिव प्रेम कटारूका ने मांग की है कि कांवरियों की सहुलियत को देखते हुए ट्रेन सेवा जल्द शुरू की जाए।

    जबकि जेडआरयूसी सदस्य अरुण जोशी ने रेलवे से मांग से की है कि कांवरियों को परेशानी न हो,  इसके लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन शीघ्र करना चाहिए। रांची से सुलतानगंज होते हुए भागलपुर तक ट्रेन चलाने की जरूरत है।

    दक्षिण पूर्व रेलवे क्षेत्रीय उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सतीश सिन्हा ने कहा है कि रांची से सुल्तानगंज तक प्रत्येक दिन ट्रेन चलाने की आवश्यकता है। प्रतीक्षा सूची अधिक होने पर ट्रेनों में अतिरिक्त बोगी लगाने की भी तैयारी रेलवे द्वारा की जानी चाहिए l

    रेल यात्री मोनू कुमार के अनुसार सुलतानगंज के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन होना चाहिए। सिर्फ एक ट्रेन के भरोसे रांची कांवरियों को सुलतानगंज जाना पड़ता है। ऐसे में काफी परेशानी होती है।

    जबकि रातू रोड निवासी शिवचरण कुशवाहा ने कहा कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु कांवर लेकर सुलतानगंज पहुंचते हैं। कई लोगों को ट्रेन में जगह नहीं मिल पाती है। ऐसे में किउल जाने के बाद उन्हें ट्रेन बदलना मजबूरी है।

    हटिया की पूजा कुमारी कहती है कि किउल से सुलतानगंज जाने में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। अगर रेलवे की ओर से सीधी ट्रेन का परिचालन किया जाए, तो कांवरियों को काफी सहूलियत होगी। ट्रेन में जगह नहीं मिलने पर सड़क मार्ग से जाना पड़ता है। 

    कांवरियों की सुविधा को देखते हुए रांची रेल मंडल द्वारा मुख्यालय को स्पेशल ट्रेन के परिचालन को लेकर प्रस्ताव भेजा गया गया है। प्रस्ताव पर अनुमति मिलने के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा।

    शुचि सिंह, सीनियर डीसीएम, रांची रेल मंडल