Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रजरप्पा मंदिर की तर्ज पर बने रामगढ़ स्टेशन का उद्घाटन आज

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Mar 2019 08:19 AM (IST)

    रामगढ़ स्टेशन को रजरप्पा मंदिर यानी मां छिन्नमस्तिके मंदिर का स्वरूप दिया गया है। सोमवार को उससा उदघाटन किया जाएगा। मंत्री जयंत सिन्हा इसका उद्घाटन करेंगे.

    रजरप्पा मंदिर की तर्ज पर बने रामगढ़ स्टेशन का उद्घाटन आज

    जागरण संवाददाता, रांची : रामगढ़ स्टेशन को रजरप्पा मंदिर यानी मां छिन्नमस्तिके मंदिर का स्वरूप दिया गया है। स्टेशन अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। स्टेशन के ऊपरी सतह को मंदिर की तरह तराशा गया है। सोमवार को केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। ऐसा पहला मौका है, जब रांची रेल मंडल अंतर्गत किसी स्टेशन को ऐसा स्वरूप दिया गया है। वहीं, स्टेशन पर अन्य सुविधाओं पर काम किया गया है। यात्रियों को ठहरने के लिए डोरमेट्री की व्यवस्था की गई है, ताकि यात्रियों को आराम करने पर सहूलियत हो सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां 20 लाख रुपये की लागत से एल्यूमीनियम कंपोजिट पैनल को लगाया गया है। डेढ़ करोड़ रुपये की डोरमेट्री और टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है। कुछ महीनों पहले जब डीआरएम वीके गुप्ता रामगढ़ स्टेशन का निरीक्षण करने गए थे, तो उन्होंने बताया था कि स्टेशन को रजरप्पा मंदिर के प्रारूप में तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। उद्घाटन को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो गई है। रेलवे के पदाधिकारियों ने इसका जायजा भी लिया। 'रामगढ़ कैंट स्टेशन को मां छिन्नमस्तिके मंदिर का स्वरूप दिया गया है। इसके अतिरिक्त स्टेशन पर डोरमेट्री और टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है, जिसका उद्घाटन सोमवार को होगा। '

    नीरज कुमार

    सीपीआरओ, रांची रेल मंडल

    मां छिन्नमस्तिका मंदिर के संबंध में : रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका दर्शन करने के लिए पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं। यहां तंत्र साधक भी दूर-दूर से अपनी साधना की सिद्धी के लिए आते हैं। मां कामख्या के बाद यहा भी दर्शन के लिए सर्वाधिक भीड़ होती है।

    मा छिन्नमस्तिके मंदिर के अंदर स्थित शिलाखंड में मा की तीन आखें हैं। बाया पाव आगे की ओर बढ़ाए हुए वह कमल पुष्प पर खड़ी हैं। पाव के नीचे विपरीत रति मुद्रा में कामदेव और रति शयनावस्था में हैं। मा छिन्नमस्तिके का गला सर्पमाला तथा मुंडमाल से सुशोभित है। मंदिर की ओर मुंडन कुंड है। इसके दक्षिण में एक सुंदर निकेतन है, जिसके पूर्व में भैरवी नदी के तट पर खुले आसमान के नीचे एक बरामदा है। इसके पश्चिम भाग में भंडार गृह है। रूद्र भैरव के मंदिर के नजदीक एक कुंड है। नदियों के संगम के मध्य में एक अद्भूत पापनाशिनी कुंड है, जो रोगग्रस्त भक्तों को रोगमुक्त कर उनमें नवजीवन का संचार करता है। यहा मुंडन कुंड, चेताल के समीप ईशान कोण का यज्ञ कुड, वायु कोण कुंड, अग्निकोण कुंड जैसे कई कुंड हैं। दामोदर के द्वार पर एक सीढ़ी है।