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    आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन में केंद्र सरकार के हैं ये निर्देश...जानें कितना हो रहा अनुपालन

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 04:28 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन के आलोक में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए स्कूल परिसर में ही आंगनवाड़ी केंद्र संचालित करने पर जोर दिया है। इसे लेकर पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दिशा-निर्देश जारी किया गया है। झारखंड में 1971 आंगनवाड़ी केंद्र ही स्कूल परिसर में संचालित हैं।

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    झारखंड में मात्र 1,971 आंगनवाड़ी केंद्र हैं स्कूल परिसर में।

    राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन के आलोक में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए स्कूल परिसर में ही आंगनवाड़ी केंद्र संचालित करने पर जोर दिया है।

    इसे लेकर पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

    ऐसा नहीं है कि झारखंड सहित अन्य जिलों में स्कूल परिसर में आंगनवाड़ी केंद्र पहले से संचालित नहीं हैं। यूडायस प्लस 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में भी 1,971 आंगनवाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जो किसी न किसी स्कूल परिसर में संचालित हैं।

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    झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में इसके संचालन के मापदंड में एकरुपता नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने इसे लेकर मापदंड तय करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    भारत के 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रो में से लगभग 2.9 लाख पहले से ही स्कूल परिसर में स्थित हैं।लेकिन समन्वय सुनिश्चित करने के लिए कोई मानक तंत्र नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश में स्कूल परिसर में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित करने हैं।

    इसके साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूत करने के लिए शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से संयुक्त योजना, पाठ्यक्रम संरेखण, माता-पिता की भागीदारी और बाल-अनुकूल शिक्षण स्थानों के प्रविधान भी किए गए हैं।

    झारखंड की बात करें तो वर्तमान में 1,971 आंगनवाड़ी केंद्र स्कूल परिसर में संचालित हो रहे हैं। हालांकि 23,595 स्कूलों में प्री प्राइमरी सेक्शन संचालित हैं। इनमें अधिसंख्य निजी स्कूल सम्मिलित हैं।

    राज्य में 1,005 स्कूलों में ही प्री प्राइमरी सेक्शन और आंगनवाड़ी केंद्र दोनों संचालित हैं। बताते चलें कि राज्य में वर्तमान में 224 बाल विकास परियोजना अधीन कुल 38,432 आंगनवाड़ी और लघु आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं।

    इन आंगनवाड़ी केंद्रो के माध्यम से छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धातृ माताओं और किशोरी बालिकाओं को विभिन्न केंद्र व राज्य प्रायोजित सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

    इनमें पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, प्रतिरक्षा, शाला पूर्व शिक्षा, संदर्भ सेवाएं आदि सम्मिलित हैं। इन केंद्रों को माध्यम से लाभुकों के लिए पोषाहार की  उपलब्धता, नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

    केंद्र ने दो माडल अपनाने के दिए हैं निर्देश

    दिशा-निर्देश में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित करने को लेकर दो माडल अपनाने की बात कही गई है। पहला, पर्याप्त स्थान और सुविधाओं वाले स्कूलों के अंदर आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन होगा।

    दूसरा, जहां प्रत्यक्ष सह स्थान संभव नहीं है, वहां आंगनवाड़ी केंद्रों की आस-पास के स्कूलों से मैपिंग की जाएगी। मतलब कि पास के किसी प्राथमिक स्कूल से उसे जोड़कर संचालित किया जाएगा।