झारखंड स्वास्थ्य में 10 हजार पदों पर होगी नई बहाली, किडनी और न्यूरो के इलाज के लिए बनेगा अलग अस्पताल
झारखंड स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार पदों पर नई बहाली होगी। किडनी और न्यूरो के इलाज के लिए अलग-अलग अस्पताल बनेगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने चिकित्सकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में इसकी घोषणा की। कहा कि इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात हो चुकी है।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार नई बहाली की जाएगी। इनमें चिकित्सकों के अलावा तकनीकी तथा गैर तकनीकी कर्मियों के पद सम्मिलित हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड में किडनी और न्यूरो के इलाज के लिए अलग-अलग अस्पताल बनेगा। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी मंगलवार को चिकित्सकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात हो चुकी है। अस्पताल के लिए जगह का चयन किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने टेंडर के माध्यम से चयनित 126 अनुबंध आधारित विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के रांची लौटने के तुरंत बाद रिम्स-2 का शिलान्यास होगा। झारखंड में तीन वर्षों में पांच नए मेडिकल कालेज बनकर तैयार हो जाएंगे।
मंत्री ने टेंडर के माध्यम से चयनित 126 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। राज्य में पहली बार टेंडर के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है।
इस अवसर पर मंत्री ने स्वास्थ्य में 10 हजार नई बहाली की घोषणा की। उनके अनुसार, इनमें चिकित्सकों के अलावा पारा मेडिकल कर्मी तथा गैर तकनीकी कर्मी के पद सम्मिलित हैं।
उन्होंने अबतक की सबसे बड़ी संख्या में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति होने का दावा करते हुए चिकित्सकों से अपील की कि वे सिर्फ मरीजों का इलाज नहीं करें। अपने अस्पताल की बेहतरी के लिए भी काम करें।
हर चिकित्सक अपने अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्री है। उन्हें मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जो भी सुविधाएं चाहिए, दी जाएगी। उन्होंने देवघर के बाद ही अन्य जिलों में शीघ्र ही बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू होने तथा 200 से अधिक नए एंबुलेंस खरीदे जाने की बात कही।
इस मौके पर खिजरी से कांग्रेस के विधायक राजेश कच्छप, झारखंड मेडिकल कारपोरेशन के सीईओ अबु इमरान, अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डा. सिद्धार्थ सान्याल आदि भी उपस्थित थे।
राज्य में पांच नए मेडिकल कालेज खोले जा रहे
तीन वर्ष में राज्य को मिलेंगे पांच नए मेडिकल कालेज स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में पांच नए मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं। ये निर्धारित समय सीमा तीन वर्ष में पूरे होंगे।
उन्होंने कहा कि पूर्व से बन रहे मेडिकल कालेजों का पता नहीं कि कब बनकर पूरा होगा। उनका इशारा कोडरमा, बोकारो और चाईबासा में बन रहे मेडिकल कालेजों की ओर था।
मुख्यमंत्री के लौटते ही रिम्स-2 का शिलान्यास
मेडिको सिटी भी शीघ्र इरफान ने कहा कि नगड़ी में रिम्स-2 का शिलान्यास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली से रांची लौटते ही किया जाएगा। यह एशिया का सबसे बड़ा हाईटेक अस्पताल होगा।
उन्होंने बिना किसी के नाम लिए कहा कि इसपर नकारात्मक राजनीति हो रही है। ऐसे लोग कम से कम स्वास्थ्य में इस तरह की राजनीति न करें। उन्हें सीएम ने कहा है कि काम करो, किसी की परवाह न करो।
उन्होंने मेडिको सिटी को भी शीघ्र धरातल पर उतारने का दावा करते हुए कहा कि निजी क्षेत्रों से वहां अस्पताल खोलने का आह्वान किया। कहा, सरकार उन्हें जमीन, संरचनाएं से लेकर आवश्यकता पड़ने पर आर्थिक मदद भी करेगी।
आवश्यकता 37 हजार चिकित्सकों की, उपलब्ध हैं महज 7,500 इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए टेंडर का माडल अपनाया गया है। यह सफल भी रहा।
उनके अनुसार, राज्य में निर्धारित मानक के तहत 37 हजार चिकित्सकों की आवश्यकता है, लेकिन उपलब्ध महज 7,500 ही हैं। इसी तरह, विशेषज्ञ चिकित्सकों के 1,200 सृजित पदों के विरुद्ध तीन सौ ही कार्यरत हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए नया प्रयोग करते हुए निजी चिकित्सकों की सेवा सरकारी अस्पतालों में ली जा रही है। रांची सदर अस्पताल में ही ऐसे 15-20 विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवा दे रहे हैं।
डाक्टर तीन माह पूर्व नोटिस देकर छोड़ सकेंगे नौकरी
अचानक छोड़ नहीं सकते नौकरी टेंडर से नियुक्ति की खास बात यह है कि कोई भी डाक्टर तीन माह पूर्व नोटिस देकर नौकरी छोड़ सकेंगे। अचानक नौकरी छोड़ने पर तीन माह के वेतन की राशि जमा करनी होगी।
किसी खास अस्पताल के लिए टेंडर में न्यूनतम वेतन की मांग करनेवाले विशेषज्ञ चिकित्सक का एल-1 के रूप में चयनित किया गया है। चिकित्सकों का चयन दो से तीन लाख मासिक वेतन के आधार पर किया गया है।
चिकित्सकों का पदस्थापन उनके द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर किया गया है। उनका स्थानांतरण नहीं होगा। उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत निर्धारित अवकाश देय होगा। अभी इनका एक वर्ष के लिए चयन हुआ है, बाद में सेवा विस्तार भी किया जा सकता है। --
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