Mid-day meal योजना में होगा बदलाव, केंद्र ने राज्य सरकार से मांगे सुझाव
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पीएम पोषण (मध्याह्न भोजन) योजना को लेकर झारखंड सहित विभिन्न राज्यों से सुझाव मांगे हैं। इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अपर सचिव आनंदराव वी पाटील ने राज्य के शिक्षा सचिव तथा झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक को पत्र लिखा है। विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए एक व्यापक और उच्च गुणवत्ता वाला स्कूल भोजन कार्यक्रम आवश्यक है।

राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पीएम पोषण (मध्याह्न भोजन) योजना को लेकर झारखंड सहित विभिन्न राज्यों से सुझाव मांगे हैं।
इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अपर सचिव आनंदराव वी पाटील ने राज्य के शिक्षा सचिव तथा झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक को पत्र लिखा है।
विजन विकसित भारत 2047 के लिए पुनर्गठन आवश्यक
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए एक व्यापक और उच्च गुणवत्ता वाला स्कूल भोजन कार्यक्रम हमारी भावी पीढ़ी को आवश्यक पोषण प्रदान करने के लिए एक आवश्यक आधारशिला है।
इसलिए प्रधानमंत्री पोषण योजना का एक व्यापक पुनर्गठन किया जाना आवश्यक है, जिसके लिए राज्यों का सुझाव आवश्यक है।
आवंटन में वृद्धि आदि का अनुरोध
यह भी कहा गया है कि विभिन्न मंचों एवं बैठकों में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने रसोइया सह सहायकों के मानदेय में वृद्धि और एमएमई (मैनेजमेंट, मानिटरिंग एंड एवेल्यूशन) मद में आवंटन में वृद्धि आदि का अनुरोध किया है।
योजना के तहत पैब की इस वर्ष हुई बैठक में भी इसे लेकर सुझाव देने का अनुरोध किया गया था। यह भी कहा है कि योजना में सुधार और संशोधन के लिए राज्यों से प्राप्त सुझाव और इनपुट योजना को जारी रखने के लिए व्यय वित्त समिति (ईएफसी) के लिए एक व्यापक नोट तैयार करने में बहुत उपयोगी होंगे।
व्यय वित्त समिति की बैठक में राज्यों के सुझावों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद आगे का कदम उठाया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।