JSSC: नहीं थी निगेटिव मार्किंग, फिर भी बड़ी संख्या में क्यों खाली रह गए सहायक आचार्यों के पद...जानें विस्तार से
राज्य के प्राइमरी स्कूलों में सहायक आचार्य के पदों के लिए पर्याप्त योग्य उम्मीदवार नहीं मिल सके। कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी नहीं थी। इसके बाद भी यह परीक्षा अभ्यर्थियों के लिए कठिन साबित हुई। इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए 12वीं तथा स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए स्नातक स्तरीय प्रश्न पूछे गए थे।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News राज्य के प्राइमरी स्कूलों में सहायक आचार्य के पदों पर नियुक्ति को लेकर आयोजित सहायक आचार्य नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा-2023 में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए थे। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिए गए थे।
कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी नहीं थी। इसके बाद भी यह परीक्षा अभ्यर्थियों के लिए कठिन साबित हुई।
जहां तक पूछे गए प्रश्नों के स्टैंडर्ड की बात है तो इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए 12वीं तथा स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए स्नातक स्तरीय प्रश्न पूछे गए थे।
स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा के जारी परिणाम के बाद गैर पारा शिक्षक श्रेणी में भी बड़ी संख्या पद रिक्त रह गए हैं।
पारा शिक्षक श्रेणी में तो लगभग तीन चौथाई पद रिक्त रह गए हैं। कई अभ्यर्थी इसके लिए परीक्षा में लागू की गई नार्मेलाइजेशन की प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
जब किसी विषय की परीक्षा समूह में ली जाती है तो इस प्रक्रिया को लागू किया जाता है। इधर, क्वालिफाइंग पेपर में आवश्यक 30 प्रतिशत अंक नहीं लाने के कारण भी कई अभ्यर्थी मेधा सूची में सम्मिलित नहीं हो सके।
वहीं, इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए अनारक्षित श्रेणी तथा आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों के लिए कुल 40 प्रतिशत, एससी तथ एसटी के लिए 32 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 प्रतिशत तथा आदिम जनजाति के लिए 30 प्रतिशत अंक अनिवार्य था।
सहायक आचार्य नियुक्ति में स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य अर्थात कक्षा छह सेआठ के लिए तीनों विषयों में कुल 15,001 पद थे। इन पदों के विरुद्ध 5,775 अभ्यर्थी ही परीक्षा में सफल हो सके। इस तरह, 9,248 पद रिक्त रह गए। सबसे अधिक पारा शिक्षक श्रेणी तथा आरक्षित वर्ग में पद रिक्त रहे हैं।
परिणाम से अंसतुष्ट अभ्यर्थी करा सकते हैं पुर्नमूल्यांकन
वैसे अभ्यर्थी हो अपने परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं, वे परिणाम का पुर्नमूल्यांकन करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें पांच सौ रुपये शुल्क के साथ आवेदन देना होगा।
सहायक आचार्य नियुक्ति को लेकर जेएसएससी द्वारा जारी विज्ञापन में भी इसका उल्लेख किया गया था। इसके तहत परिणाम प्रकाशित होने के सात दिनों के भीतर अभ्यर्थियों को इसके लिए आवेदन करना होगा। आयोग द्वारा यथाशीघ्र उसका निष्पादन कर अभ्यर्थियों को सूचित किया जाएगा।
लंबित रखा गया कई अभ्यर्थियों का परिणाम
जेएसएससी ने बायोमेट्रिक मिलान नहीं होने के कारण कई अभ्यर्थियों का परिणाम लंबित रखा है। आयोग ने इसपर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से मार्गदर्शन मांगा है।
कई अभ्यर्थियों का कहना है कि बायोमेट्रिक मशीन ठीक नहीं होने के कारण उनका बायोमेट्रिक मिलान नहीं हो पाया।
इधर, टेट सफल सहायक अध्यापक संघ ने कहा है कि हजारों अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक मिलान नहीं होने के कारण प्रमाणपत्रों की जांच से वंचित रखा गया है, जो काफी निराशाजनक है।
उनके प्रमाणपत्रों की जांच कब होगी, यह पता नहीं है। पारा शिक्षक प्रतिदिन विद्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति बनाते हैं, लेकिन जेएसएससी में बायोमेट्रिक मिलान नहीं होना आश्चर्यजनक है।
संघ ने अभ्यर्थियों से शपथपत्र लेकर प्रमाणपत्रों की जांच करने तथा परिणाम जारी करने की मांग की है। इसे लेकर संघ ने शिक्षा सचिव तथा प्राथमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है।
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