Move to Jagran APP

गोडसे से पहले भी गांधी को मारने की हुई थी कोशिश, बतख मियां ने बचाया था बापू को; जानें इस गुमनाम नायक को

Mahatma Gandhi Story Nathuram Godse Jharkhand News भारत में गांधी की हत्या की यह पहली कोशिश थी लेकिन बत्तख मियां के कारण नाकाम हो गई। इस पर एक पुस्‍तक का लोकार्पण रांची में मंगलवार को हुआ। छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी इसके संकलनकर्ता हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 08:00 PM (IST)
गोडसे से पहले भी गांधी को मारने की हुई थी कोशिश, बतख मियां ने बचाया था बापू को; जानें इस गुमनाम नायक को
Mahatma Gandhi Story, Nathuram Godse, Jharkhand News इस पर एक पुस्‍तक का लोकार्पण रांची में मंगलवार को हुआ।

रांची, [संजय कृष्‍ण]। सब जानते हैं कि महात्‍मा गांधी की हत्‍या नाथूराम गोडसे ने की थी। गाहे-बगाहे इस पर चर्चा होती रहती है और इंटरनेट मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया का क्रम शुरू हो जाता है। लेकिन तब क्‍या होता, जब देश की आजादी से पहले चंपारण आंदोलन के दौरान यदि गांधी शहीद हो गए होते? इर्विन ने तो पूरी तैयारी कर ली थी। गांधी को खाने पर बुलाया और अपने खानसामां बत्तख मियां से कहा, गांधी के दूध में जहर दे देना। इर्विन की बात यदि बत्तख मियां मान गए होते तो?

prime article banner

फिर देश का इतिहास क्या होता? भारत में गांधी जी की हत्या की यह पहली कोशिश थी, लेकिन बत्तख मियां के कारण नाकाम हो गई। बत्तख मियां को इसके लिए जेल भी जाना पड़ा। घर-खेत नीलाम हो गया, लेकिन बत्तख मियां को इसकी कतई परवाह नहीं थी। बाद में बत्तख मियां रिहा हो गए, लेकिन आज सौ साल बाद भी इनका परिवार गुरबत में जीवन बसर कर रहा है।

आज यह सब याद दिलाने का कारण यह है कि पहली बार बत्तख मियां पर लेखों का संकलन 'बत्तख मियां अंसारी की अनोखी कहानी' नाम से प्रकाशित हुई है। इसका लोकार्पण मंगलवार को रांची के अंजुमन के मुसाफिरखाना हाल में हुआ। इसके संकलनकर्ता हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी और उसियां, गाजीपुर के रहने वाले मोहम्मद वजीर अंसारी। अंसारी फिलहाल भोपाल में रह रहे हैं और अमृत महोत्सव के इस साल में वे ऐसे गुमनाम नायकों को सामने लाने की कोशिश में लगे हैं।

किताब के संकलनकर्ता और छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी मोहम्मद वजीर अंसारी।

इस क्रम में यह उनकी पहली संकलित और महत्वपूर्ण किताब है। इस पुस्तक में कुल 24 लेख और 9 कविताएं शामिल हैं। सबसे लंबा लेख आरिफ अंसारी का है। बाकी लेखकों की फेहरिस्त में अब्दुल रशीद अंसारी, सरवर नगीनवी, शकील अस्थानवी, मुख्तार हुसैन अंसारी आदि शामिल हैं। पुस्तक में उनकी दरगाह और वंशजों की तस्वीर भी है।

वजीर साहब का कहना है कि इस पुस्तक में ऐसे गुमनाम लोगों की एक सूची भी दे दी गई है, जिन पर आगे चलकर काम किया जाएगा। देश के लोग अपने गुमनाम नायकों से परिचित हों, ताकि पता चल सके कि लोगों ने देश की आजादी के लिए किस तरह कुर्बानी दी। कम से कम इतिहास में ऐसे गुमनाम नायकों को जगह तो मिलनी ही चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.