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    डीएसपी से आइपीएस में प्रोन्नति का नहीं निकल रहा हल, राज्य सरकार ने UPSC को लिखा- अनुराग गुप्ता को शामिल करें या फिर बिना डीजीपी के ही कर लें समिति की बैठक

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    राज्य पुलिस सेवा (डीएसपी संवर्ग) से भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस संवर्ग) में प्रोन्नति को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। उसका समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। राज्य सरकार की ओर से गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने एक बार फिर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से आग्रह किया है कि वे बैठक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में शामिल कराएं।

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    अनुराग गुप्ता को शामिल करें या फिर बिना डीजीपी के ही कर लें प्रोन्नति समिति की बैठक

    दिलीप कुमार, जागरण. रांची। राज्य पुलिस सेवा (डीएसपी संवर्ग) से भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस संवर्ग) में प्रोन्नति को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। उसका समाधान निकलता नहीं दिख रहा है।

    राज्य सरकार की ओर से गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने एक बार फिर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से आग्रह किया है कि वे बैठक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में शामिल कराएं या बिना डीजीपी के ही प्रोन्नति समिति की बैठक करें।

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    जल्द बैठक नहीं होने से योग्य अधिकारी अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। राज्य सरकार ने जल्द तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया है।

    राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से प्रोन्नति समिति की बैठक होती है। इस बैठक में संबंधित राज्य से मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी सदस्य के रूप में शामिल होते हैं।

    पूर्व में 13 अगस्त को यह बैठक प्रस्तावित थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल व डीजीपी अनुराग गुप्ता दिल्ली गए थे।

    यूपीएएसी ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी मानने से इन्कार कर दिया था, जिसके चलते बैठक नहीं हो पाई थी। आयोग ने अधिकारियों की दलील को भी मानने से मना कर दिया था। इसके लिए अगली तिथि भी निर्धारित नहीं की गई थी।

    बैठक में 17 सीनियर डीएसपी की प्रोन्नति पर होना है विचार

    यूपीएससी में डीएसपी से आइपीएस संवर्ग में प्रोन्नति के लिए 17 सीनियर डीएसपी की फाइल भेजी गई थी। आइपीएस संवर्ग में कुल नौ रिक्त पदों पर प्रोन्नति के लिए यह बैठक प्रस्तावित थी। इन 17 सीनियर डीएसपी की फाइल पर बैठक होनी थी।

    उनमें शिवेंद्र, राधा प्रेम किशोर, मुकेश कुमार महतो, दीपक कुमार-1, मजरूल होदा, राजेश कुमार, अविनाश कुमार, रौशन गुड़िया, श्रीराम समद, निशा मुर्मू, सुरजीत कुमार, वीरेंद्र कुमार चौधरी, राहुल देव बड़ाईक, खीस्टोफर केरकेट्टा, प्रभात रंजन बरवार, अनूप कुमार बड़ाईक व समीर कुमार तिर्की हैं।

    यूपीएससी नहीं मानता है अनुराग गुप्ता को डीजीपी

    यूपीएससी अनुराग गुप्ता को डीजीपी नहीं मानता है। केंद्र सरकार ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल से ही सेवानिवृत्त माना है। इसके लिए केंद्र ने राज्य सरकार को पत्राचार भी किया था और अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश भी दिया था।

    राज्य सरकार ने जिस नियुक्ति नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार दिया है, उस नियमावली को केंद्र सरकार ने नियम विरुद्ध तथा असंवैधानिक बताया है और उसे मानने से इन्कार किया है। जबकि राज्य सरकार ने अनुराग गुप्ता का डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार को वैध बताया है।

    13 अगस्त की बैठक में भी इसी नियमावली का हवाला देकर अधिकारियों ने यूपीएससी से बैठक में डीजीपी को शामिल कराने का आग्रह किया था, लेकिन यूपीएससी इसके लिए तैयार नहीं हुआ।