बैंक करेगा रिम्स के पंजीयन काउंटर व सेंट्रल कलेक्शन सेंटर का संचालन
रिम्स के सभी पंजीयन काउंटर और सेंट्रल कलेक्शन सेंटर के प्रबंधन का काम बैंक के जिम्मे रहेगा। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स के सभी पंजीयन काउंटर और सेंट्रल कलेक्शन सेंटर के प्रबंधन की जिम्मेदारी बैंकों की होगी। इसके लिए रिम्स प्रबंधन द्वारा पहल की जा रही है। शासी परिषद की बैठक में एचडीएफसी बैंक को इसके संचालन को लेकर प्रजेंटेशन देने के लिए भी बुलाया गया था। शासी परिषद के सभी सदस्यों ने इस एजेंडे को लेकर अपनी सहमति दी। लेकिन सिर्फ एक बैंक के प्रस्ताव पर कई लोगों ने सवाल उठाए। जिसके बाद अन्य बैंकों को भी आमंत्रित कर उनसे प्रजेंटेशन लेने के बाद ही इस एजेंडा को लागू करने की बात हुई है। रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि वर्तमान में अकाउंट्स का संचालन सही से नहीं हो पाता है। इसका मैनेजमेंट सिस्टम भी ठीक नहीं है। अगर बैंक द्वारा इसका संचालन होगा तो सभी व्यवस्थित हो जाएगा। इससे अकाउंट्स को लेकर किसी तरह की संशय नहीं रहेगी। अगले माह तक इसका चयन कर उनसे सेवा लेनी शुरू भी की जा सकती है। कैश काउंटर में बैठेंगे बैंक कर्मी : बैंक की सेवा शुरू होने के बाद बैंक कर्मी सभी पंजीयन काउंटर और सेंट्रल कलेक्शन सेंटर में तैनात किए जाएंगे। रिम्स में आने वाले आय-व्यय का ब्योरा भी यहीं रखेंगे। -------
नए सिरे से निकाला जाएगा टेंडर
रिम्स में साफ सफाई और मेडिकल बायोवेस्ट डिस्पोजल का टेंडर रद कर अब नए सिरे से निकाला जाएगा। साफ-सफाई और मेडिकल बायोवेस्ट के निस्तारण को लेकर एक ही एजेंसी को टेंडर देने की बात चल रही थी। जिसे रद करते हुए अब दोनों साफ-सफाई और बायोवेस्ट डिस्पोजल के लिए अलग-अलग टेंडर निकाला जाएगा। दरअसल, दोनों को लेकर टेंडर प्रक्रिया व कार्यादेश के लिए मेसर्स अन्नपूर्णा यूटिलिटी के स्वीकृति को लेकर यह भी जीबी के एक एजेंडा में शामिल था। बैठक के दौरान उक्त एजेंसी को लेकर निर्णय लिया जाना था। चूंकि दोनों एक ही एजेंसी को देने के लिए संयुक्त टेंडर निकाली गई थी। इस कारण उसे बैठक में अस्वीकृति देते हुए दोनों टेंडर दोबारा नए सिरे से निकालने पर सहमति बनी थी। स्वास्थ्य सचिव ने इस मुद्दे को लेकर टेंडर अलग-अलग निकालने का प्रस्ताव दिया है।

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