टेरर फंडिंग मामले में आधुनिक पावर लिमिटेड के पूर्व एमडी महेश अग्रवाल पर हुई सुनवाई, कोर्ट ने की अहम टिप्पणी
Ranchi News सुनवाई के दौरान महेश अग्रवाल के अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा ने अदालत को बताया गया कि एनआइए की ओर से इस मामले में पहले एक चार्जशीट दाखिल की गई थी जिसमें महेश अग्रवाल का नाम नहीं था। बाद में एनआइए ने पूरक चार्जशीट दाखिल कर

रांची, राज्य ब्यूरो। टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार आधुनिक पावर लिमिटेड के पूर्व एमडी महेश अग्रवाल की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर शनिवार को एनआइए की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। प्रार्थी की ओर से पक्ष रखे जाने के बाद एनआइए ने इस पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा। अदालत ने एनआइए के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले में अगली सुनवाई तीन फरवरी को निर्धारित की है। इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने 18 जनवरी को महेश अग्रवाल की क्वैङ्क्षसग (निरस्त) याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद एनआइए टीम ने महेश अग्रवाल को कोलकाता से गिरफ्तार किया था।
एनआइए ने जवाब देने के लिए मांगा समय
सुनवाई के दौरान महेश अग्रवाल के अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा ने अदालत को बताया गया कि एनआइए की ओर से इस मामले में पहले एक चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें महेश अग्रवाल का नाम नहीं था। बाद में एनआइए ने पूरक चार्जशीट दाखिल कर महेश अग्रवाल का नाम भी जोड़ दिया, जबकि ये खुद ही इस मामले में पीडि़त हैं, क्योंकि इनसे लेवी वसूली जाती थी। इनपर उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के साथ मिलने-जुलने का कोई आरोप नहीं है। वकील ने तर्क दिया कि इसी मामले में आरोपित सुदेश केडिया की जमानत पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लेवी देने को टेरर फंडिंग नहीं कहा जा सका सकता है। इसलिए महेश अग्रवाल को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
रिमांड मामले पर 28 को होगी सुनवाई
इस मामले में एनआइए की टीम ने महेश अग्रवाल को कोर्ट में पेश कर महेश अग्रवाल से पूछताछ करने के लिए तीन दिनों की पुलिस रिमांड मांगी थी। शनिवार को महेश अग्रवाल की ओर से इस मामले में पक्ष रखा गया। एनआइए अब 28 जनवरी को इस मामले में पक्ष रखेगी।
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