Teeth Cleaning: दांतों की देखभाल जरूरी, जानें कैसे रखें साफ; बच्चों के लिए खास टिप्स
Teeth Cleaning Tooth Decay Caused Jharkhand News दंत रोग विशेषज्ञ डा.विनित कुमार ने कहा कि दांतों की देखभाल से शरीर में रोग नहीं होंगे। पलामू के लायंस क्लब की महिला विंग फेमिना ने दंत जांच शिविर का आयोजन किया।

मेदिनीनगर (पलामू), जासं। शरीर का मुख्य अंग दांत है। इसकी देखभाल अत्यंत आवश्यक है। उक्त बातें जेडीसी संगीता शंकर ने कही। वे रविवार को शाहपुर स्थित नवनीत जायसवाल आई हास्पिटल में लायंस क्लब की महिला विंग फेमिना के तत्वावधान में दंत मेडिकल कैंप के उद्घाटन समारोह में बोल रही थी। शिविर का शुभारंभ जेडीसी संगीता शंकर, लायंस अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल व दंत रोग विशेषज्ञ डा. विनित कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। मौके पर डा. विनित ने कहा कि दांतों की देखभाल से शरीर में रोग नहीं होंगे।
खाने के बाद दांतों की सफाई जरूरी
कोई भी चीज खाने के बाद दांतों की सफाई जरूरी है। सफाई नहीं होने से दांतों में कीड़े लगने लगते हैं। इससे दांत में गड्ढे हो जाते हैं। इससे नीचे का तल और खोखला हो जाता है। इस तरह मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है। दांत ढीले पड़ जाते हैं व टूट जाते हैं। दांत टूटने से उसके अगल-बगल वाले दांत कमजोर हो जाते हैं और वे भी धीरे-धीरे हिलकर टूट जाते हैं। इससे बचने के लिए खाने के बाद नियमित रूप से दांतों को ब्रश से साफ करना जरूरी है। दांतों में कोई चीज फंसती है तो लोग पतले तिनके से उसे निकालने की कोशिश करते हैं। यह और भी घातक है। इससे धीरे-धीरे दांतों के बीच जगह बनेगा और वहां पहले से ज्यादा चीजे फंसती जाएंगी।
रूई से साफ करें छोटे बच्चों के दांत
डाक्टर ने कहा कि नवजात बच्चों को दूध पिलाने के बाद उनके मसूड़ों व जीभ को सिल्क कपड़े से गुनगुने पानी में भिगोकर सफाई करनी चाहिए। गीली रूई से भी मुंह साफ कर सकते हैं। कहा कि दांत निकलते समय छोटे बच्चों के मसूड़ों में खुजली होती है। इससे बच्चे मुंह में अंगुली डालते हैं। इससे इंफेक्शन होता है। यह बुखार व डायरिया की वजह बनती है। इसलिए बच्चों के हाथों की सफाई जरूरी है। बच्चे का पहला दांत निकले तो अभिभावकों को उनके दांतों की साफ्ट ब्रश से ब्रशिंग शुरू कर देनी चाहिए।
दांत दर्द करे तो ऐसे बचाएं
डाक्टर विनित ने कहा कि दांत ज्यादा सड़ जाए व दर्द करने लगे तो दांत को रूट कैनाल या आरसीटी विधि से बचाया जा सकता है। दांतों के बाहरी परत इनेमल व दूसरी परत डेंटीन होते हैं। इस भाग में कुछ छोटी नसिकाएं होती है। ऊपर के इनेमल के किसी कारण से घिसने या कीड़े लगने से डेंटीन दिखने लगता है। ऐसे में दांतों को भरकर आगे की तकलीफ से बचाया जा सकता है।
इस मौके पर लायंस अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल ने कहा कि फेमिना का दंत चिकित्सा शिविर अन्य लोगों के लिए प्रेरक है। शिविर में डा. विनित व डा. सपना ने करीब 40 मरीजों के दांतों की जांच की व दवा दी। मौके पर लायंस सचिव आलोक माथुर, कोषाध्यक्ष रितेश कुमार, दिलीप सांवरिया, अनवर, हुसैन, अमित आनंद फेमिना की प्रेसिडेंट लाड लक्ष्मी वर्मा, उमा केजरीवाल, बिंदु तुलस्यान, अंजू सिंह, रेखा शर्मा, मीना सांवरिया, सबीता सराफ, नीलिमा शाह आदि उपस्थित थे।
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