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    Teachers Day: सम्मान पाकर गदगद हुए शिक्षक, कहा- बढ़ गई उनकी जिम्मेदारी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 11:01 PM (IST)

    शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान पाकर शिक्षक गदगद हो गए। गौरवान्वित हुए शिक्षकों ने कहा कि इस सम्मान के साथ ही उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उनका काम न केवल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है बल्कि उन्हें इस लायक बनाना है कि वे अपने करियर का सही चुनाव कर सकें।

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    शिक्सषक दिवस पर म्मान पाकर गदगद हुए शिक्षक।

    राज्य ब्यूरो, रांची। शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान पाकर शिक्षक गदगद हो गए। गौरवान्वित हुए शिक्षकों ने कहा कि इस सम्मान के साथ ही उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

    उनका काम न केवल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, बल्कि उन्हें इस लायक बनाना है कि वे अपने करियर का सही चुनाव कर सकें।

    शुक्रवार को धुर्वा स्थित झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में दो शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

    साथ ही में शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए लागू किए गए 50 घंटे के अनिवार्य समेकित-सतत व्यावसायिक विकास कार्यक्रम (सीसीपीडी) के लिए माड्यूल लेखन, माड्यूल का डिजिटल स्वरूप तैयार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले 126 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

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    रामगढ़ के मनुवा स्थित पीएम श्री उच्च विद्यालय के सहायक शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता और चतरा के उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय, दवारी के सहायक शिक्षक मनोज कुमार चौबे को राज्य स्तरीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये, शाल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

    इन दोनों की अनुशंसा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए की गई थी, लेकिन इनका चयन नहीं हो सका था। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद ने कहा कि अब हमारे बीच नई-नई तकनीक आ गई है।

    आवश्यकता है कि शिक्षक उन तकनीक का उपयोग बच्चों के पठन-पाठन में करें। शिक्षक जो पढ़ातें हैं उसे बच्चे ग्रहण कर रहे है या नहीं, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

    बच्चे एक गीली मिटटी की तरह तथा शिक्षक कुशल कुम्हार की भूमिका में होते हैं और उनका करियर संवारते हैं। इस मौके पर सम्मानित शिक्षक मनोज कुमार चौबे ने कहा कि सम्मान के साथ नई जिम्मेदारी भी आ जाती है।

    बताया कि उन्होंने गणित और विज्ञान को समेकित करते हुए कला संस्कृति के माध्यम से शिक्षा को रोचक बनाते हैं। ऐसा करने से बच्चे रचनात्मक ढंग से पढ़ने के लिए प्रेरित होते है। इस मौके पर परिषद के प्रशासी

    पदाधिकारी सचिदानंद तिग्गा, जेसीईआरटी के उप निदेशक प्रदीप चौबे, बिंध्याचल पांडेय, सहायक निदेशक बांके बिहारी सिंह आदि उपस्थित थे।

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