'कलम आज उनकी जय बोल' कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को मिला सम्मान, राष्ट्रकवि की उक्ति याद दिलाई
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर दैनिक जागरण की ओर से कलम आज उनकी जय बोल शिक्षा सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर विभिन्न स्कूल व कालेजों के प्राचार्यों और शिक्षकों को सम्मानित किया गया। राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने उस चर्चित वाकया का भी जिक्र किया जब एक घटना में राष्ट्रकवि ने कहा था कि जब राजनीति गिरती है तो साहित्य संभालता है।

राज्य ब्यूरो, रांची। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती के अवसर पर मंगलवार की शाम गुरुओं के नाम रहा। उन गुरुओं के नाम जो बच्चों का भविष्य गढ़ते हैं। अपने कार्यों और दायित्वों से समाज को नई दिशा देने का काम करते हैं।
मौका था दैनिक जागरण द्वारा होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित ''कलम आज उनकी जय बोल'' शिक्षा सम्मान कार्यक्रम का। दैनिक जागरण ने इस अवसर पर राजधानी रांची के विभिन्न स्कूलों व कालेजों के प्राचार्यों और शिक्षकों को सम्मानित किया।
सम्मानित होनेवाले शिक्षकों ने इस आयोजन के लिए दैनिक जागरण के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही राष्ट्रकवि की जयंती पर इस कार्यक्रम का सहभागी बनने तथा इस अवसर को सम्मानित होना गौरवान्वित होनेवाला पल बताया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यसभा सदस्य तथा साहित्यकार महुआ माजी तथा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक सह झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक शशि रंजन ने शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
इससे पहले दैनिक जागरण, रांची के महाप्रबंधक पारितोष झा तथा संपादकीय प्रभारी शशि शेखर ने अतिथियों और शिक्षकों का स्वागत किया।
शिक्षा के विकास में सहयोग करें प्राइवेट स्कूल : महुआ माजी
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने रामधारी सिंह दिनकर की कृतियों पर चर्चा की। उन्होंने उस चर्चित वाकया का भी जिक्र किया जब एक घटना में राष्ट्रकवि ने कहा था कि जब राजनीति गिरती है तो साहित्य संभालता है।
उन्होंने सम्मानित होनेवाले स्कूलों एवं प्राचार्यों से आह्वान किया कि वे राज्य में शिक्षा के विकास में सहयोग दें। यह भी कहा कि सरकार उनके साथ है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह निजी कंपनियां सीएसआर के तहत शिक्षा व अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लिए काम करती हैं, उसी तरह यह कार्य स्कूलों को भी करना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी योजना सीएम स्कूल आफ एक्सीलेंस का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देंगे। वहां इस हद तक आधारभूत संरचनाएं विकसित की गई हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन से शिक्षा में आ रहा बदलाव
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सरकारी शिक्षा व्यवस्था में आ रहे बदलावों का जिक्र किया। कहा कि इस नीति का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण है। इस नीति के तहत स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है।
उन्होंने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए गए 50 घंटे के प्रशिक्षण का भी उल्लेख करते हुए कहा कि 70 प्रतिशत शिक्षकों को यह प्रशिक्षण मिल चुका है। इस वर्ष के अंत तक शत-प्रतिशत शिक्षकों को यह प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
उनके अनुसार, शिक्षकों की नियुक्ति के बाद पहली बार इस तरह का प्रशिक्षण उन्हें प्रदान किया जा रहा है। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर की भी चर्चा करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं न केवल स्कूलों व कालेजों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाती हैं बल्कि प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी इस पर प्रश्न पूछे जाते हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी प्रासंगिकता आज भी है और कल भी रहेगी। दिनकर न केवल एक कवि और लेखक थे, बल्कि एक शिक्षक भी थे।
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