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    Health in Winter: ठंड में बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 08:49 AM (IST)

    रांची में जागरण विमर्श के दौरान डॉ. विकास कुमार ने ठंड में बीपी और शुगर के मरीजों के लिए ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ने की जानकारी दी। उन्होंने दवाइयों क ...और पढ़ें

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    ठंड में बढ़ा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। ठंड के मौसम में रक्तचाप और शुगर के मरीजों के लिए जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इस मौसम में ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज के मामले सबसे अधिक सामने आते हैं। दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम के दौरान सदर अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने यह जानकारी दी।

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    उन्होंने कहा कि ठंड में थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए बीपी और शुगर के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।

    डॉ. विकास ने बताया कि ठंड के कारण शरीर की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे अचानक रक्तचाप बढ़ जाता है। यही कारण है कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो मरीज पहले से बीपी या शुगर की दवा ले रहे हैं, वे किसी भी स्थिति में दवा बंद न करें और नियमित जांच कराते रहें।

    सुबह टहलने की आदत रखने वाले बुजुर्गों को सलाह दी कि धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें और सिर, कान व छाती को पूरी तरह ढककर रखें। उन्होंने चेतावनी दी कि ठंड में अचानक ठंडे पानी से स्नान करना खतरनाक हो सकता है। इससे हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है। बेहतर है कि गुनगुने पानी का इस्तेमाल किया जाए।

    इसके साथ ही उन्होंने धूम्रपान और शराब से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी, क्योंकि यह रक्तचाप और शुगर दोनों को असंतुलित करता है। हालांकि उनका दावा है कि धूम्रपान या शराब लेने वाले अगर प्रतिदिन व्यायाम करते हैं तो वे बिना व्यायाम करने वाले से अधिक स्वस्थ हैं। 

    लाइफस्टाइल में बदलाव बेहद जरूरी (Brain Health Tips)

    डॉ. विकास कुमार ने कहा कि केवल दवाइयों से ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव लाकर भी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने सलाह दी कि सुबह या शाम कम से कम 45 मिनट व्यायाम जरूर करें। इसमें टहलना, जागिंग, स्ट्रेचिंग और योग को शामिल किया जा सकता है। नियमित व्यायाम से हार्ट अटैक का खतरा करीब 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

    खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि रोजाना कम से कम दो फल जरूर खाएं, जिनमें एक सेब और एक अनार सबसे बेहतर माने जाते हैं। इसके अलावा हरी सब्जियां, सलाद और कम नमक वाला भोजन अपनाएं। अधिक तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।

    नींद की अनदेखी पड़ सकती है भारी

    डॉक्टर ने नींद को स्वास्थ्य का सबसे अहम स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि रात आठ बजे से पहले भोजन कर लेना चाहिए और भोजन के बाद हल्की सैर जरूर करनी चाहिए। प्रतिदिन 7.5 से 8 घंटे की पूरी नींद लेना बेहद जरूरी है। नींद के दौरान शरीर खुद को रिलैक्स करता है, कोशिकाओं की मरम्मत करता है और हार्मोन संतुलन बनाए रखता है।

    रात में मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज होता है, जो अच्छी नींद के लिए जरूरी है। यदि इस समय नींद नहीं ली जाए, तो आगे चलकर कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

    उन्होंने बताया कि सुबह के समय शरीर में कार्टिसोल हार्मोन सक्रिय होता है, जिससे व्यक्ति ताजगी और ऊर्जा महसूस करता है। इस समय हल्का व्यायाम करने से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और इंसुलिन बेहतर तरीके से काम करता है।

    इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज (brain stroke symptoms)

    डॉ. विकास कुमार ने कहा कि अचानक तेज सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, बोलने में दिक्कत, शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता या कमजोरी, सीने में दर्द और सांस फूलना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल पहुंचें। समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है। उन्होंने अंत में कहा कि ठंड के मौसम में सतर्कता, नियमित दवा, संतुलित आहार और अनुशासित जीवनशैली अपनाकर ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अन्य गंभीर बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।