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    ना गाड़ी वाला आया, ना कचरा उठा, नाराज सफाईकर्मियों ने किया हड़ताल

    By Madhukar KumarEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jan 2022 04:55 PM (IST)

    सीडीसी कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल में डोर टू डोर कचरा उठाव की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि नगर निगम की तरफ से रकम नहीं मिलने की वजह से कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है।

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    वेतन नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मियों ने किया हड़ताल

    रांची, जागरण संवाददाता। राजधानी की सफाई व्यवस्था में डोर टू डोर कचरा उठाव का काम देख रही सीडीसी कंपनी के कई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। इसके चलते कंपनी के कर्मचारियों ने शुक्रवार को सुबह से ही हड़ताल कर दी है। हड़ताल के चलते सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है। हरमू एमटीएस के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते इलाके में डोर टू डोर कचरा उठाव प्रभावित हुआ है।

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    सीडीसी कंपनी के सफाई कर्मियों को नहीं मिला वेतन

    सीडीसी कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल में डोर टू डोर कचरा उठाव की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि नगर निगम की तरफ से रकम नहीं मिलने की वजह से कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है। उनका कहना है कि सभी को नवंबर तक का वेतन दिया गया है। दिसंबर का वेतन बाकी है। इसी के चलते सफाई कर्मियों ने हड़ताल की। लेकिन सफाई कर्मियों को समझाया गया है कि दो-चार दिन में उनका वेतन उन्हें मिल जाएगा।

    हड़ताल से राजधानी की सफाई व्यवस्था प्रभावित

    गौरतलब है कि सीडीसी कंपनी को घर-घर से कचरा उठाना है। इसकी ऑनलाइन निगरानी होनी थी। ‌लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। लगभग दो लाख 10 हजार घरों में रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन चिप लगाया जाना था। लेकिन, अब तक यह चिप सभी घरों में नहीं लग पाया है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है सवा लाख घरों में आरएफआईडी चिप लगा दी गई है। सभी घरों में चिप लगने के बाद इसका सर्वर तैयार होगा। तब जाकर इसकी ऑनलाइन निगरानी होगी। एक चिप लोगों के घर पर रहेगी। जबकि, दूसरी चिप सुपरवाइजर के पास रहेगी। कचरा उठाव होने पर दोनों चिप का मिलान होगा। नगर निगम के सर्वर को पता चल जाएगा कि कितने घरों से कचरा उठाव हुआ है और कितने घरों से नहीं हुआ है।

    डस्टबीन लगाने का काम भी पूरा नहीं हो सका

    राजधानी के एमटीएस से कचरा उठाव कर झिरी डंपिंग यार्ड तक ले जाने का काम जोंटा कंपनी का है। जोंटा कंपनी यह काम ठीक से नहीं कर पा रही है। जनता को शहर के 222 स्थानों पर स्मार्ट डस्टबिन लगाना था। लेकिन, अब तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है। रांची नगर निगम कंपनी को कई बार अल्टीमेटम जारी कर चुकी है। यह अल्टीमेटम हर महीने बढ़ता रहता है। इस बार 31 जनवरी तक का अल्टीमेटम है। लेकिन, काम की रफ्तार देखते हुए शायद ही स्मार्ट डस्टबिन लगाने का काम इस महीने पूरा हो सके।