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गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया स्वच्छ भारत मिशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत अभियान छह वर्ष बाद भी धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते कहर से निपटने के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता पर पूरा जोर दिया जा रहा है लेकिन प्रखंड मुख्यालय का हाल बेहाल है। यहां स्वच्छ भारत मिशन गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया है। बेड़ो की सड़कों पर कहीं गंदा पानी भरा हुआ है तो कहीं बह रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 07:49 PM (IST)
गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया स्वच्छ भारत मिशन
गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया स्वच्छ भारत मिशन

बेड़ो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत अभियान छह वर्ष बाद भी धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। वहीं, कोरोना वायरस के बढ़ते कहर से निपटने के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता पर पूरा जोर दिया जा रहा है, लेकिन प्रखंड मुख्यालय का हाल बेहाल है। यहां स्वच्छ भारत मिशन गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया है।

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बेड़ो की सड़कों पर कहीं गंदा पानी भरा हुआ है तो कहीं बह रहा है। कूड़े के ढेर से बदबू आ रही है। यहां चौक-चौराहों में गंदगी का ही बोलबाला है। कहीं शौचालय में गंदगी है, तो कहीं शौचालय टूटे हुए हैं और कहीं गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आलम यह कि तमाम सरकारी परिसर भी गंदगी की गिरफ्त में जकड़े हुए हैं। यहां के अधिकांश मार्ग व सार्वजनिक स्थल गंदगी से भरे पड़े हैं। इससे राहगीरों व स्थानीय निवासियों को हमेशा संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है। प्रधानमंत्री से लेकर जिला प्रशासन तक सफाई अभियान पर नजर रख रहा है। बावजूद इसके यहां पर अब तक इस अभियान का कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। मुख्य मार्ग से पुराने पोस्ट ऑफिस से बेड़ो बस्ती जाने वाला मार्ग हो, महादानी मंदिर, विद्युत विभाग या बड़ाईक चौराहे से बस्ती की तरफ जाने वाला मार्ग, हर तरफ गंदगी व कीचड़ का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। दर्जनों शिक्षण संस्थान गांव के आसपास हैं। झारखंड की प्रसिद्ध सब्जी मंडी भी है। सप्ताह में तीन दिन बाजार भी लगता है, लेकिन वहां भी कीचड़ की भरमार है। वहीं, घरों का गंदा पानी सड़क पर पसरा रहता है, जिससे आए दिन दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल होते रहते हैं। पानी की निकास की समुचित व्यवस्था न होने के कारण घरों का गंदा पानी सड़क पर ही आता है। गांव के अलावा राहगीरों के लिए भी समस्या बनी हुई है। लोगों के फिसलकर गिरने की बात तो आम हो गई है। गांव के लोगों का कहना है कि पानी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण पानी रास्ते में पसरा रहता है। इमली के पेड़ के पास गंदा पानी व कचरा जमा हो गया है, जिससे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। यह गंदगी कब महामारी का रूप धारण कर ले, कुछ कहा नहीं जा सकता है। प्रखंड मुख्यालय स्थित सभी प्रमुख चौक-चौराहों की सड़क गड्ढे में तब्दील है। गड्ढों में जलजमाव हो गया, जिसमें वाहन तो फंसते ही हैं. बाइक से चलने वाले भी गिरकर अपना बुरा हाल कर लेते हैं। लोगों का कहना है कि वोट के लिए सभी गांव की विकास कराने की बात कहते हैं लेकिन जीतने का बाद वे अपने ही विकास में लग जाते हैं। लेकिन, प्रखंड प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व समाज के जिम्मेदारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे अपनी ही धुन में मगन रहते हैं। केंद्र सरकार की तरफ से शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन अभियान को जगह-जगह पर लगे गंदगी के ढेर मुंह चिढ़ा रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। ---

क्या कहते हैं बेड़ोवासी

बेड़ो में साफ-सफाई के लिए पहले एक मास्टरप्लान होना चाहिए। जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए जल निकासी की समुचित व्यवस्था के तहत काम करने पर ही स्थायी रूप से समस्या का समाधान हो सकता है।


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