वन भूमि घोटाला: निलंबित IAS विनय चौबे को गिरफ्तार दिखाएगी ACB, हजारीबाग में हुई थी FIR
हजारीबाग के वन भूमि घोटाला मामले में निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे को एसीबी फिर गिरफ्तार करेगी। एसीबी ने विनय सिंह को गिरफ्तार किया जो न्यायिक हिरासत में हैं। चौबे पहले से ही खासमहाल जमीन घोटाले में जेल में हैं। उनके खिलाफ यह तीसरा एफआईआर है। एसीबी ने जांच के बाद मंत्रिमंडल निगरानी से अनुमति मांगी थी।

राज्य ब्यूरो, रांची। हजारीबाग के बहुचर्चित वन भूमि घोटाला केस में भी अब निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे को एसीबी गिरफ्तार दिखाएगी।
एसीबी ने 25 सितंबर को मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से अनुमति मिलने के बाद ही एसीबी हजारीबाग थाना कांड संख्या 11/25 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इस प्राथमिकी में आईएएस विनय कुमार चौबे व उनके करीबी नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के संचालक विनय सिंह नामजद आरोपित हैं।
एसीबी ने गुरुवार को ही विनय सिंह को गिरफ्तार किया था, जिन्हें शुक्रवार को हजारीबाग स्थित एसीबी की अदालत में प्रस्तुत किया और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। एसीबी जल्द ही कोर्ट से अनुमति लेकर विनय सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
वर्तमान में निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे हजारीबाग के ही खासमहाल की जमीन की अवैध तरीके से निबंधन व जमाबंदी के मामले में जेल में बंद हैं।
इस मामले में एक अन्य आईएएस अधिकारी हजारीबाग के तत्कालीन खासमहाल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा भी गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं। विनय कुमार चौबे को एसीबी ने 20 मई को शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किया था।
उस केस में चार्जशीट नहीं हो पाने से विनय चौबे को तो जमानत का लाभ मिल गया था, लेकिन खासमहाल की जमीन घोटाला केस में भी गिरफ्तारी होने से वे जेल से बाहर नहीं आ पाए थे। अब उनके विरुद्ध यह तीसरा एफआईआर हुआ है। इस केस में भी एसीबी उन्हें गिरफ्तार दिखाएगी।
एसीबी ने प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर के लिए मंत्रिमंडल निगरानी से मांगी थी अनुमति
एसीबी हजारीबाग की टीम ने वन भूमि घोटाले के मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के विरुद्ध प्रारंभिक जांच में पुष्टि के बाद मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से एफआईआर की अनुमति मांगी थी।
अनुमति गुरुवार को ही मिली, जिसके बाद एसीबी हजारीबाग ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए दूसरे आरोपित विनय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। वन भूमि घोटाला का मामला भी हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे के कार्यकाल का है।
उनके कार्यकाल में वन भूमि से संबंधित पांच प्लाट की अवैध तरीके से जमाबंदी हुई थी। मामला उजागर होने के बाद वर्ष 2013 में सभी अवैध जमाबंदी को रद किया गया था। इसे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड सरकार ने भी सही ठहराया था।
जंगल-झाड़ी दर्ज किसी भूमि का भारत सरकार के पूर्वानुमति के बिना गैर वानिकी कार्य के लिए उपयोग करना वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। उक्त जमीन गैरमजरूआ खास जंगल झाड़ी होने के चलते जमाबंदी रद हुआ था।
उक्त भूमि को अधिकारियों के साथ मिलकर खरीददार विनय सिंह ने आपराधिक साजिश के तहत जमाबंदी करवाया था। इसी आरोप में एसीबी ने उनकी गिरफ्तारी की है।
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