Suspended IAS विनय चौबे एसीबी को पूछताछ में नहीं कर रहे सहयोग, हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन के अवैध निबंधन का मामला
हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से 23 लोगों को निबंधित करने के मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को चार दिनों की रिमांड पर लिया है। बुधवार को दिनभर चली पूछताछ में चौबे से एसीबी कोई जानकारी हासिल नहीं कर सकी। एसीबी की मानें तो पूछताछ में चौबे उन्हें सहयोग नहीं कर रहे।

राज्य ब्यूरो, रांची। हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से 23 लोगों को निबंधित करने के मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को चार दिनों की रिमांड पर लिया है।
बुधवार को दिनभर चली पूछताछ में चौबे से एसीबी कोई जानकारी हासिल नहीं कर सकी। एसीबी के अधिकारियों की मानें तो पूछताछ में चौबे उन्हें सहयोग नहीं कर रहे हैं। एसीबी के कुछ सवालों को चौबे ने बेबुनियाद बताया है।
पूरा मामला वर्ष 2008 से 2010 के बीच का है। जब विनय कुमार चौबे हजारीबाग के उपायुक्त थे। उनके कार्यकाल में हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन को 23 लोगों को निबंधित कर दिया गया था। एसीबी ने इस मामले में वर्ष 2015 में एसीबी ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी।
प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि उक्त जमीन 1948 में सेवायत ट्रस्ट को 30 वर्षों की लीज पर दी गई थी, जिसका लीज 1978 में समाप्त हुआ था।
तब से जमीन वैसे ही पड़ी थी। वर्ष 2008 से 2010 के बीच प्रशासनिक साजिश के तहत उक्त जमीन 23 लोगों को निबंधित की गई थी।
एसीबी ने विनय कुमार चौबे से पूछा कि उन्होंने लीज नवीनीकरण के आवेदन से सेवायत ट्रस्ट जानबूझकर क्यों हटाया, तो वे इसका जवाब नहीं दे पाए। उक्त जमीन पर बड़ी-बड़ी इमारतें हैं।
पीई में आरोपों की पुष्टि के बाद मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से अनुमति लेकर एसीबी ने आठ अगस्त को इस मामले में नियमित प्राथमिकी दर्ज की।
दर्ज प्राथमिकी में तत्कालीन खासमहाल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा, बसंती सेठी, उमा सेठी, इंद्रजीत सेठी, राजेश सेठी, विजय प्रताप सिंह व सुजीत कुमार सिंह को आरोपित बनाया गया था।
विनय चौबे 20 मई से हैं न्यायिक हिरासत में
निलंबित आइएएस अधिकारी 20 मई से न्यायिक हिरासत में हैं। एसीबी ने सबसे पहले उन्हें शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।
निर्धारित 90 दिनों की अवधि में जब एसीबी ने चार्जशीट दाखिल नहीं की तो उस केस में विनय कुमार चौबे को जमानत का लाभ मिल गया।
विनय कुमार चौबे को एसीबी ने हजारीबाग के खासमहाल की जमीन घोटाले में भी गिरफ्तार दिखाया था और इस केस में वे न्यायिक हिरासत में हैं।
एसीबी ने इस जमीन घोटाला केस के दूसरे आरोपित सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी विनोद चंद्र झा को भी गिरफ्तार किया था। खासमहाल की इस जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में अब तक दो आरोपित अधिकारी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।
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