सुधा और ओसम दूध सबस्टैंडर्ड
- मेधा दूध में नहीं मिली कोई शिकायत ओसम, सुधा और मेधा दूध का लिया गया था सैंपल
- मेधा दूध में नहीं मिली कोई शिकायत
- ओसम, सुधा और मेधा दूध का लिया गया था सैंपल
जासं, रांची : खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ओसम और सुधा दूध मानक पर खरे नहीं उतरे। इस कारण फूड सेफ्टी ऑफिसर की जांच रिपोर्ट में इन्हें सब स्टैंडर्ड के दायरे में रखा गया है। दो सप्ताह पूर्व फूड सेफ्टी ऑफिसर ने ओसम, सुधा व मेधा दूध के सैंपल लिए थे। जांच में मेधा दूध का सैंपल मानक पर सही पाया गया। मोबाइल वैन 13 फरवरी को कडरू चौक, 14 को बिरसा चौक व हिनू में मौजूद रहेगा। यह वैन 22 फरवरी तक विभिन्न इलाकों में घूम-घूमकर सैंपल उठाएगा।
फूड एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत क्या है प्रावधान :
- सब स्टैंडर्ड (अवमानक) जो मानक उत्पाद में तय किए गए हैं। वह मानक उत्पाद में नहीं माने जाते हैं। इसमें पांच लाख तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
- मिस ब्राडेंड (मिथ्याछाप) : इसमें उत्पाद के पैकेट पर तिथि, उत्पाद से जुड़ी बातों को दर्शाया नहीं जाता है। इस मामले में तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है।
- मिस लीडिंग :(भ्रामक विज्ञापन) : किसी भी उत्पाद को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना। इसमें उत्पादक दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
अनसेफ :(असुरक्षित) : एक्ट में मानक के तहत उत्पाद को सुरक्षित नहीं पाया जाना और हानिकारक होना होता है। इसमें कारावास का प्रावधान है। कोट
'दूध उत्पादन के दौरान सभी मानकों का ख्याल रखा जाता है। कंपनी का दूध मानक पर खरा नहीं उतरा है, यह जानकारी मुझे नहीं मिली है। यह जरूर है कि कुछ दिन पहले एक बूथ पर से दूध का कलेक्शन फूड सेफ्टी ऑफिसर ने लिया था। यदि यह रिपोर्ट मिली तो इसे चैलेंज करूंगा। '
मजीद आलम
सीईओ, सुधा डेयरी, रांची
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ओसम का दूध सब स्टैंडर्ड नहीं हो सकता है। रिपोर्ट गलत है। मैं इसको चैलेंज करता हूं। दूध उत्पादन के वक्त सभी मानकों का ख्याल रखा जाता है।
हर्ष ठक्कर
निदेशक, ओसम