वोटिंग प्रक्रिया से ही होगा छात्र संघ का चुनाव, मंत्री ने कहा - छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों से समझौता नहीं
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा है कि विश्वविद्यालयों और कालेजों में छात्र संघ का चुनाव वोटिंग से ही होगा। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 की क्रम संख्या 77 में स्पष्ट उल्लेख है कि छात्र संघ के अध्यक्ष सचिव एवं अन्य सदस्यों का चयन चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों से कोई समझौता नहीं हुआ है।
राज्य ब्यूरो, रांची । उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने उस खबर को भ्रामक बताया जिसमें कहा गया है कि विधानसभा में पारित झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 के तहत अब विश्वविद्यालयों और कालेजों में छात्र संघ का चुनाव वोटिंग से नहीं होगा।
गुरुवार को सदन में यह मामला विपक्ष द्वारा उठाए जाने के बाद मंत्री ने कहा कि यह खबर पूरी तरह भ्रामक और असत्य है। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 की क्रम संख्या 77 में स्पष्ट उल्लेख है कि छात्र संघ के अध्यक्ष, सचिव एवं अन्य सदस्यों का चयन चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों से कोई समझौता नहीं हुआ है। इधर, झामुमो ने वोटिंग से छात्र संघ का चुनाव नहीं होने के आधार पर विधेयक का विरोध करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
पार्टी के केंद्रीय सदस्य तनुज खत्री ने कहा कि भाजपा समर्थित छात्र संगठन बिना पढ़े-समझे विधेयक का विरोध कर रहे हैं। विधेयक के सेक्शन 75, पृष्ठ 73, संख्या 2 में साफ लिखा है कि छात्र संघ के अध्यक्ष और सचिव का चुनाव केवल नियमित (रेगुलर) छात्र ही करेंगे। यह पहले भी होता आया है।
लेकिन इस बार हेमंत सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दो बड़े प्रविधान जोड़े हैं। एक तो एक महिला प्रतिनिधि का अनिवार्य रूप से चुनाव होगा, वहीं एसटी, एससी, पीवीटीजी या ओबीसी वर्ग से एक प्रतिनिधि का होना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा कि विधेयक में स्पष्ट लिखा हुआ है कि विश्वविद्यालय स्तर के छात्र संघ चुनाव में पीजी के छात्र निर्वाचक मंडल के सदस्य होंगे। उनके द्वारा छात्र संघ के पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा। कालेज स्तर के जो भी यूनियन के चुनाव होंगे, उसके छात्र वोटर हों।
लेकिन ये लोग विधेयक को लेकर भ्रम फैला रहे हैं कि छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन होगा। विधेयक में लोकतांत्रिक व्यवस्था का कोई हनन का प्रविधान नहीं है।
दरअसल, भाजपा और उसके छात्र संगठन छात्र संघ चुनाव को लेकर चिंतित नहीं हैं। उनका असली दर्द यह है कि अब विश्वविद्यालयों का अधिकार झारखंड की चुनी हुई सरकार और झारखंडी युवाओं के पास जा रहा है।
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