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    संत कोलंबा कॉलेज हजारीबाग के प्राचार्य निलंबित, 57 लाख के गबन में पाए गए दोषी

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Wed, 03 Mar 2021 04:23 PM (IST)

    Hazaribagh Jharkhand News तत्कालीन अभिषद सदस्य अमरदीप यादव ने मामला उठाया था। 2017 में में जांच के लिए समिति बनी थी। मंगलवार को हुई अभिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्राथमिकी की कवायद तेज हो गई है।

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    Hazaribagh Jharkhand News विभावि में सिंडिकेट की बैठक में शामिल कुलपति व अन्य। जागरण

    हजारीबाग, जासं। Hazaribagh Jharkhand News दो साल पूर्व संत कोलंबा कॉलेज हजारीबाग के प्राचार्य सुशील टोप्पो पर लगे वित्तीय अनियमितता का आरोप सही पाया गया है। तत्कालीन अभिषद सदस्य अमरदीप यादव ने उनपर 57 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। आरोप था कि प्राचार्य ने एक अलग खाता खोलकर विभावि से विकास के लिए दिए गए पैसे को खाते में डालकर गबन किया है। अमरदीप यादव की मांग पर तत्कालीन कुलपति डाॅ. रमेश शरण ने एक समिति का गठन 2017 में किया था। अमरदीप यादव ने अभिषद की बैठक में बतौर सदस्य घपले का पूरा साक्ष्य देकर कार्रवाई की मांग की थी।

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    समिति ने दो साल की लंबी जांच के बाद फरवरी के अंतिम सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपी थी। मंगलवार को विस्तृत समीक्षा के बाद समिति ने प्राचार्य को निलंबित करते हुए डाॅ. जेसी दास को प्रभार दिया है। निलंबन के दौरान सुशील टोप्पो विभावि मुख्यालय में योगदान देंगे। जांच समिति का गठन उप कुलपति डाॅ. कुनीर कुंडील की अगुवाई में किया गया था। सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद फिर एक समिति का गठन किया गया था। दूसरी समिति ने जांच को आगे बढ़ाते हुए  रिपोर्ट सौंपी।

    ठेकेदार को बिना आदेश दिया काम

    सुशील टोप्पो पर लगे आरोपों की जांच में यह भी सामने आया कि परिसर में संचालित विभिन्न संस्थान जैसे कालेज कैंटीन, बैंक, डाकघर आदि से मिलने वाले किराया भी वे स्वयं द्वारा खोले गए खाते में जमा करते थे। इसके अलावा एक ठेकेदार संतोष कुमार सिंह को भी बिना कार्यादेश के 22 लाख रुपये का काम देने का भी आरोप लगा था। इस आरोप के आलोक में तत्कालीन कुलपति डाॅ. रमेश शरण ने प्राचार्य की वित्तीय शक्ति सीज करते हुए जांच समिति का गठन किया था।