Jharkhand new : इनके लिए कोई मैन्यूअल नहीं, जेलों में प्रभावी लोगों को मिलती रही हैं विशेष सुविधाएं
जेलों में प्रभावशाली व्यक्तियों को विशेष सुविधाएं मिलने की खबरें हैं। ऐसा लगता है कि उनके लिए कोई नियम लागू नहीं होता। यह नियमों का उल्लंघन है और जेल प्रशासन पर सवाल खड़े करता है। माना जा रहा है कि यह सब प्रभावशाली लोगों के दबाव के कारण हो रहा है।

राज्य की जेलों में प्रभावी और हाई प्रोफाइल कैदियों को विशेष सुविधाएं देने के मामले पहले भी उजागर होते रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य की जेलों में प्रभावी और हाई प्रोफाइल कैदियों को विशेष सुविधाएं देने के मामले पहले भी उजागर होते रहे हैं। मामला सामने आने के बाद कार्रवाई भी हुई। लगातार कार्रवाई के बावजूद जेलों में रसूखदारों को विशेष सुविधाएं मिलती रही हैं।
इसके लिए सुविधा लेने वाले संबंधित जेल अधिकारी को उपकृत भी करते हैं। मंडल कारा गुमला में जनवरी 2022 में अपराधी सुजीत सिन्हा की न्यू इयर शराब पार्टी का कथित वीडियो वायरल हुआ था। तब तत्कालीन कारा महानिरीक्षक ने तत्कालीन प्रभारी जेल अधीक्षक, प्रभारी सहायक कारापाल सहित पांच जेलकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
इतना ही नहीं संविदा पर कार्यरत दो कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। कुछ दिन पहले ही हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में जमीन घोटाले के आरोपित कारोबारी विनय सिंह को जेल में विशेष सुविधा देने, मोबाइल आदि उपलब्ध कराने के मामले में भी वहां के तत्कालीन जेलर सहित 12 जेल कर्मियों को निलंबित किया गया था।
नया मामला रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में आया है। यहां से संबंधित कथित वीडियो वायरल होने के बाद यहां की व्यवस्था पर सवाल उठाई जा रही है। पूरे मामले की जांच जारी है।
इधर, जेल प्रशासन का कहना है कि राज्य की जेलों में मैनपावर की भारी कमी है। संविदाकर्मियों, गृह रक्षकों के भरोसे राज्य की जेलों को संभाला जा रहा है।
यही वजह है कि जेल प्रशासन कड़ी कार्रवाई करने से बचना चाहता है, ताकि विधि व्यवस्था का संकट न उत्पन्न हो और जेल की व्यवस्था को मैनपावर बहाल होने तक संभाला जा सके।
करीब ढाई से तीन महीने पुरानी है होटवार सेंट्रल जेल की वायरल वीडियो
जेल प्रशासन की प्रारंभिक जांच में होटवार जेल का वायरल कथित वीडियो करीब ढाई से तीन माह पुरानी बताई गई है। कारा निरीक्षणालय में करीब डेढ़ महीने पहले उक्त वीडियो का मामला आया था।
इसके बाद ही तब हेड वार्डर विनोद कुमार को निलंबित कर दिया था। जेल मुख्यालय को सूचना है कि वीडियो काराधीक्षक को ब्लैकमेल करने के लिए बनाया गया था।
एक कैदी ने उक्त वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उसके आधार पर ब्लैकमेल कर अपने पक्ष में फायदा भी उठाया था। हेड वार्डर के निलंबन के बाद जेल प्रशासन ने भी मान लिया था कि अब मामला सामने नहीं आएगा। इसी बीच उस कैदी ने वह वीडियो वायरल कर दिया।
इसके बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के प्रभारी जेलर जगन्नाथ राम (सहायक कारापाल) को भी निलंबित किया गया। जेल मुख्यालय को आशंका है कि हाल के दिनों में प्रशासनिक कार्रवाई व फेरबदल से क्षुब्ध कर्मी ही जेल की छवि बिगाड़ने के उद्देश्य से ऐसे कार्य कर रहे हैं।

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