भारत आकर नहीं की गलती... स्पेनिश दुष्कर्म पीड़िता का छलका दर्द, कहा- कहीं भी हो सकती थी घटना
दुमका में हुए सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता स्पेनिश बाइकर महिला ने भारत आकर अपना अनुभव साझा किया है। कहा कि भारत आकर उन्होंने कोई गलती नहीं की क्योंकि इस तरह की घटना कहीं भी किसी के भी साथ हो सकती है। ऐसा स्पेन ब्राज़ील और अमेरिका में पहले भी कई बार हो चुका है। उन्होंने महिलाओं के लिए न्याय की भी बात की।
जागरण संवाददाता, रांची। दुमका में हुए सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता स्पेनिश बाइकर महिला ने अपनी पति के साथ इंटरनेट मीडिया के अकाउंट की अपनी प्रोफाइल पर स्टोरी लगाकर एक वीडियो संदेश साझा किया है। जिसमें उसने स्पेनिश भाषा में अपनी बातें कही हैं।
किसी के साथ भी हो सकती है घटना: पीड़िता
नीचे अंग्रेजी में लिखा है कि हमने बहुत सी बेतुकी टिप्पणियां पढ़ीं हैं, जिनमें कहा गया है कि हमने भारत आकर, या कैंप लगाकर यह खतरा मोल ले लिया, या हमें कुछ नहीं हुआ है आदि...।
हम कहना चाहते हैं कि यह किसी के साथ भी हो सकता है, आपकी बेटी, बहन, आपकी मां के साथ भी। और दुनिया के किसी भी देश में भी हो सकता है। इस खतरे से कोई भी मुक्त नहीं है। ऐसा स्पेन, ब्राज़ील और अमेरिका में पहले भी कई बार हो चुका है। तो यह बकवास मत करो कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हम भारत में हैं।
गंदगी के डर से जीना नहीं छोड़ेंगे: पीड़िता
हमने 66 देशों में कैपिंग की है, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान जैसे कई देश जिन्हें “खतरनाक” माना जाता है और हमें कभी कोई समस्या नहीं हुई। हमें केवल स्पेन में, बार्सिलोना में लूटा गया था। इस तरह यह देश यूरोप की तुलना में अधिक सुरक्षित है। हम अपनी चीजें, मोटरसाइकिल, फोन छोड़ देते हैं। हम खाने के लिए बाहर जाते हैं और कोई व्यक्ति कोई चीज नहीं छूता है।
हम यह चाहते हैं कि न केवल हमारे लिए बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए भी न्याय किया जाए जो इससे गुजर चुकी हैं। हम इस गंदगी के डर से जीना नहीं छोडेंगे ना ही घर में छुप जाएंगे। वहीं पीड़िता के पति ने भी बीते दिनों इंटरनेट मीडिया पर स्टोरी लगाकर यह बताया था कि उन्हें लोगों का संदेश मिल रहा है कि वह उनके साथ हैं।
रांची के भी कई इन्फ्लुएंसर ने पीड़िता के लिए आवाज उठाई है। पीड़िता ने एक फोटो (इसे दुष्कर्म के आरोपित का फोटो कहा जा रहा है) शेयर करते हुए लिखा है कि सभी भारतीय दोस्त इसे साझा करें। हालांकि पोस्ट की गई तस्वीर में कितनी सच्चाई है, दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता।
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