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    Mini Cold Storage: झारखंड में सौर ऊर्जा से संचालित होंगे 60 मिनी कोल्ड स्टोरेज, 25 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 11:12 PM (IST)

    राज्य सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए सौर ऊर्जा से संचालित मिनी कोल्ड स्टोरेज बना रही है। सभी जिलों में 60 मिनी कोल्ड स्टोरेज बनेंगे जिसके लिए 25 करोड़ रुपये दिए गए हैं। सहकारिता विभाग इनका निर्माण करा रहा है ताकि किसान अपनी उपज स्टोर कर सकें। इन कोल्ड स्टोरेज में किसान फल सब्जी जैसे उत्पाद रख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रहेंगे।

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    सौर ऊर्जा से संचालित होंगे 60 मिनी कोल्ड स्टोरेज। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अब सौर उर्जा से संचालित पांच टन की मिनी कोल्ड स्टोरेज बना रही है।

    राज्य के सभी जिलों में कुल 60 मिनी कोल्ड स्टोरेज बनाए जाने हैं। इसके लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन भी किया है। इसका निर्माण सहकारिता विभाग की ओर से लैंप-पैक्स के जरिए किया जा रहा है, ताकि उस क्षेत्र के किसान अपने उत्पाद को स्टोर कर सकें।

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    राज्य में किसानों को मिनी कोल्ड स्टोरेज में सब्जी, फल, इमली, चिरौंजी सहित अन्य उत्पाद रखे जाते हैं। इसमें चार डिग्री सेल्सियस तापमान होता है, जिसकी वजह से फल, सब्जी व अन्य उत्पाद पूरी तरह से संरक्षित रहते हैं।

    पिछले वर्ष करीब 25 से 30 कोल्ड स्टोरेज का सिविल वर्क तैयार हो गया है। भवन और बाउंड्री बनने के बाद अब सोलर पैन मशीन लगाया जाना है। जिसके लिए आवश्यक प्रक्रिया की जा रही है, क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद लागत को रिवाइज किया जाना है।

    एक कोल्ड स्टोरेज पर खर्च होंगे 22 लाख

    पांच टन क्षमता वाले मिनी कोल्ड स्टोरेज का का निर्माण कृषि विभाग की ओर से किया जा रहा है। प्रत्येक मिनी कोल्ड स्टोरेज को बनाने में 22 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं।

    इसके निर्माण होने से किसानों को फायदा पहुंचेगा, क्योंकि फल-फूल और सब्जियों को बाजार पहुंचाने में विलंब से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। बची हुई सब्जी एक दिन बाद खराब हो जाती है। इसके अलावा भंडारण रखने के कीमत को कम किया जा सकता है।

    सोलर पैनल होने की वजह से कम लागत में किसान अपने उत्पाद को कोल्ड स्टोरेज में रख पाएंगे। कम लागत होने और उत्पाद के संरक्षित होने का पूरा लाभ अब किसानों को मिलेगा।

    राज्य सरकार भी किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की ओर से भी ध्यान दे रही है, जो इस योजना से पूरा किया जा रहा है।