झारखंड की 4345 पंचायतों का होगा सोशल ऑडिट, योजनाओं का होगा खुला हिसाब
झारखंड सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को पारदर्शी बनाने हेतु राज्य की 4345 पंचायतों में सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है जिसमें पलामू जिले की 265 पंचायतें भी शामिल हैं। इसके तहत पंचायत भवनों ज्ञान केंद्रों और डिजिटल योजनाओं की समीक्षा होगी। योजनाओं के क्रियान्वयन और जनता को मिले लाभ की जांच की जाएगी ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। झारखंड सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य की कुल 4,345 पंचायतों में पंचायती राज विभाग की योजनाओं का सोशल ऑडिट कराया जाएगा।
इसमें पलामू जिले की 265 पंचायतें भी शामिल हैं। सोशल ऑडिट के जरिए पंचायत भवनों, पंचायत ज्ञान केंद्र, डिजिटल पंचायत योजना सहित विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की गतिविधियों व उपलब्धियों की समीक्षा की जाएगी।
इस दौरान योजनाओं के क्रियान्वयन, पारदर्शिता और जनता को मिले लाभ की गहन जांच की जाएगी। इस संबंध में पंचायती राज निदेशक ने झारखंड सोशल ऑडिट सोसाइटी के निदेशक को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पंचायत स्तर पर योजनाओं की सही स्थिति सामने आ सके और खामियों को दूर किया जा सके। ग्रामीण विकास और पंचायती राज से जुड़ी योजनाओं की पारदर्शिता पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं।
सोशल ऑडिट से न केवल वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी।
सोशल ऑडिट के तहत निरीक्षण का विवरण
मनरेगा योजना: श्रमिक पंजीकरण, जॉब कार्ड, कार्य स्वीकृति, जियो टैगिंग, मस्टर रोल, ई-एमबी प्रविष्टि, मजदूरी और सामग्री सूची, एफटीओ प्रक्रिया और संबंधित समस्याओं का निराकरण।
पंचायत भवन और सचिवालय: इंटरनेट, पेयजल, बिजली, सुरक्षा, साफ-सफाई, जेनरेटर ईंधन और अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए आवंटित मासिक अनुदान का सही उपयोग।
पंचायत ज्ञान केंद्र : लाइब्रेरी, किताबें, पत्रिकाएं, कंप्यूटर, फर्नीचर, टीवी, समितियों की गतिविधियां और जनता के लिए उपलब्धता।
डिजिटल पंचायत योजना: आधार कार्ड, बैंकिंग, आहार सेवा, पोस्टल सेवा, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, झारसेवा की सेवाएं।
अन्य सुविधाएं: पंचायत भवन का क्रियाशील होना, क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों की आधारभूत संरचना, उपकरण व वाहन, वैध विद्युत कनेक्शन और वैकल्पिक व्यवस्था, महिला एवं पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय, माताओं के लिए पालना घर, स्ट्रीट लाइट, महिलाओं के मुद्दों पर प्राथमिकताएं।
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