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    बिटिया ने पूरे झारखंड में साइंस में किया टॉप तो लाठी का सहारा लेकर कॉलेज चल पड़े पिता, छलक पड़े स्‍नेहा के आंसू

    Updated: Wed, 01 May 2024 01:11 PM (IST)

    JAC 12th Toppers 2024 रांची की होनहार बेटी स्‍नेहा ने विज्ञान संकाय में पूरे प्रदेश में टॉप किया है। स्‍नेहा ने यह मुकाम बिना किसी कोचिंग के हासिल किया है। बिटिया के रिजल्ट की जानकारी पिता को मिलते ही वह लाठी का सहारा लेकर काॅलेज पहुंचे। इस दौरान स्‍नेहा भी भावुक हो गईं। वहीं प्रतिभा साहा कॉमर्स की स्‍टेट टॉपर रही हैं।

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    स्नेहा साइंस की टाॅपर हुई भावुक पिता की परेशानी को देख बनी सहारा

    जागरण संवाददाता, रांची। JAC 12th Toppers 2024 : एक हादसे के बाद दादाजी की मृत्यु हो गई थी और पिता सुनिल रजक चलने-फिरने से लाचार हो गए थे, इसके बाद भी स्नेहा ने अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं रहने दी। दादाजी के निधन के बाद भी जेईई मेंस की परीक्षा दी और सफल भी हुई।

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    इसी दौरान इंटर साइंस की तैयारी लगन और मेहनत के दम पर करती रहीं। आज परिणाम सबके सामने है। टाॅपर होने का तमगा हासिल कर सबके लिए एक मिसाल बन गई।

    बिना किसी कोचिंग के पाया मुकाम

    बिना किसी कोचिंग के स्नेहा ने मुकम्मल तैयारी की और माता पिता का भी भरपूर साथ मिला। जैसे ही बिटिया के रिजल्ट की जानकारी मिली तो भावुक हुए पिता लाठी का सहारा लेकर उर्सुलाइन इंटर काॅलेज पहुंच गए और अपनी बिटिया को गले लगाकर आशीर्वाद दिया।

    इस दौरान स्नेहा ने बताया कि प्रतिदिन स्कूल के बाद चार से पांच घंटे तक पढ़ाई करती रही। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में हिम्मत नहीं हारना चाहिए। हौसला और जज्बे को बरकरार रखना चाहिए। इसी के दम पर हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। अब स्नेहा इंजीनियरिंग कर साॅफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है।

    एमबीए कर प्रबंधन के क्षेत्र में शिखर पर जाना है लक्ष्य

    इंटर काॅमर्स की स्टेट टाॅपर प्रतिभा साहा बेहद प्रतिभावान है। पिता राजकुमार साहा राशन की दुकान चलाते हैं और अपनी बिटिया की पढ़ाई बाधित न हो घर में हमेशा सख्त दिशा निर्देश देकर रखते। अब प्रतिभा बीबीए करना चाहती है और इसके बाद एमबीए कर प्रबंधन के क्षेत्र में शिखर पर जाना उनका लक्ष्य है।

    प्रतिभा ने कहा कि उन्होंने इंटर की तैयारी में किसी प्रकार की कोई कोचिंग की सुविधा नहीं ली। सेल्फ स्टडी के दम पर उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया है। हालांकि, डाउट के समाधान के लिए कालेज की शिक्षिकाओं से विमर्श करना नहीं भूलती थी।

    उन्होंने कहा कि प्रतिदिन चार से पांच घंटे तक यदि पूरी तन्मयता के साथ पढ़ाई की जाए तो बेशक सफलता मिलती है। माता शांति कुमारी जो कि सिलाई कढ़ाई का कार्य अपने घर पर करती हैं, कहती हैं कि उनकी बिटिया बेहतर प्रदर्शन करेंगी यह उम्मीद बंधी थी। बिटिया ने सपना साकार कर दिया है। अब वह जो भी पढ़ाई करना चाहेगी हमलोग भरपूर मदद करेंगे।

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