Move to Jagran APP

झारखंड में विरोध करने वाले विधायकों की तल्खी अब भी बरकरार

भाजपा नेतृत्व इस पूरे प्रकरण पर करीब से नजर रखे हुए है और विधायकों के रुख पर आगामी चुनाव की रणनीति भी तय हो सकती है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 12:05 PM (IST)
झारखंड में विरोध करने वाले विधायकों की तल्खी अब भी बरकरार
झारखंड में विरोध करने वाले विधायकों की तल्खी अब भी बरकरार

राज्य ब्यूरो, रांची। स्थानीयता नीति पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले भाजपा विधायकों ने नेतरहाट में आयोजित बैठक से भी दूरी बनाकर अपने तेवर और इरादे साफ कर दिए। भाजपा नेतृत्व इस पूरे प्रकरण पर करीब से नजर रखे हुए है और विधायकों के रुख पर आगामी चुनाव की रणनीति भी तय हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि विरोध करनेवाले कुछ विधायकों को आने वाले चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इस बीच, एक मंत्री और दो आदिवासी विधायकों को नेतरहाट तक लाने में पार्टी कामयाब रही लेकिन कुछ बड़े नामों की दूरी पार्टी नेतृत्व को सोचने के लिए मजबूर कर रही है।

loksabha election banner

आदिवासी नुमाइंदों में मंत्री लुइस मरांडी और विधायक रामकुमार पाहन एवं शिवशंकर उरांव ही नेतरहाट में आयोजित कार्यक्रम में शरीक हुए। वरिष्ठ नेता प्रो. दिनेश उरांव, ताला मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, गंगोत्री कुजूर, गणेश गंझू, लक्ष्मण टुडू समेत कई अन्य विधायक कार्यक्रम से दूर रहे। कुछ व्यक्तिगत कारणों से दूर थे तो कुछ विधायकों ने इस आयोजन को महत्व न देते हुए अपने क्षेत्र के लोगों के बीच दिन गुजारने की ठानी। सुबह से कार्यक्रम से दूरी बनाए रखनेवाले विधायक शिवशंकर उरांव रात करीब आठ बजे कार्यक्रम में पहुंचे। हालांकि उन्होंने पहले ही देर से पहुंचने के संकेत दे दिए थे। कुछ गैर आदिवासी विधायक भी निजी कारणों से पिकनिक में शरीक नहीं हो पाए।

भाजपा के सूत्र बताते हैं कि पार्टी सभी गैरहाजिर विधायकों के बताए कारणों की तफ्तीश करेगी। बाघमारा विधायक ढुलू महतो भी देर से पहुंचे। सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल के पोते का तिलक रस्म पहले से ही सात फरवरी को निर्धारित था। विधायक गंगोत्री कुजूर फुफेरे भाई के निधन के बाद परिजनों से मिलने गई हैं। इन तमाम कारणों के बावजूद स्थानीय नीति पर सरकार के रुख का विरोध करनेवाले विधायकों के सुर और तेज हो सकते हैं। बिना ठोस कारण के गैरहाजिर विधायकों में आदिवासी और अनुसूचित जाति के विधायकों की संख्या बता रही है कि अपनी पार्टी में ही सरकार को सहज होने में समय लगेगा। 

यह भी पढ़ेंः लालू बोले, झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ईमानदार, बिहार के शिक्षा मंत्री बेकार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.