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    Jharkhand News: सिल्ली-इलू बाईपास लाइन को हरी झंडी, रांची से हावड़ा और जमशेदपुर की दूरी होगी कम

    By Shakti SinghEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Sun, 08 Oct 2023 09:40 AM (IST)

    सिल्ली-इलू बाईपास रेल लाइन के निर्माण को लेकर रेलवे ने हरी झंडी दे दी है। इसके निर्माण से रांची से टाटा और हावड़ा की दूरी कम होगी। साथ ही लोगों को 2 घंटे की बचत और रेलवे को संसाधनों की बचत होगी। 2015 से ही रेल लाइन निर्माण को लेकर रेलवे से लोग मांग कर रहे थे। इसे लेकर सांसद संजय सेठ ने रेल मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी।

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    सिल्ली-इलू बाईपास लाइन को हरी झंडी, रांची से हावड़ा और जमशेदपुर की दूरी होगी कम

    जागरण संवाददात, रांची। रांची रेल मंडल के अधीन सिल्ली-इलू बाईपास रेल लाइन के निर्माण को लेकर रेल मंत्रालय ने अपनी हरी झंडी दे दी है। इस रेल लाइन के निर्माण से हावड़ा और टाटा आने-जाने में दो घंटे समय की बचत होगी। इससे यात्रियों का भी समय बचेगा और रेलवे का संसाधन भी बच सकेगा।

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    सिल्ली इलू रेल लाइन की मांग विगत कई सालों से स्थानीय लोगों की ओर से की जा रही थी। सांसद संजय सेठ ने छह किलोमीटर की बाईपास लाइन के निर्माण के लिए केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखा था। रांची रेल मंडल ने मुख्यालय को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भेजी है।

    बताया जा रहा है कि प्रस्तावित सिल्ली-इलू बाइपास रेल लाइन के सर्वे को वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में मंजूरी दी गई है। दूसरी बार सर्वे में इस प्रस्तावित लाइन की लंबाई करीब 10 किमी से परिवर्तन के साथ कम करके छह किमी की गई है।

    2015 से नई लाइन की हो रही थी मांग

    सिल्ली-इलू नई लाइन की मांग 2015 से हो रही है। इस लाइन के बनने से आसपास के क्षेत्रों का विकास होगा। इसकी सेवा मिलने से टाटा-रांची की ट्रेनें मुरी जंक्शन नहीं जाकर सिल्ली-इलू होकर अप-डाउन करेंगी। इससे मुरी स्टेशन से ट्रेनों का बोझ भी कम होगा। इस आलोक में रेल मंडल, रांची द्वारा एक प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था।

    सांसद की पहल के बाद रेलवे बोर्ड और रेल मंत्री ने गंभीरता दिखाई है। इसका डीपीआर तैयार हुआ और अब इसके निर्माण को भी हरी झंडी मिल गई।इसके लिए रेल मंडल को 125 करोड रुपये के बजट की राशि आवंटित की जानी थी। महज छह किलोमीटर कि इस रेल लाइन के पूर्ण होने से यात्री और रेल दोनों ही लाभान्वित हो सकेंगे।

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    पिछले साल नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर उन्हें इस बाईपास लाइन के महत्व से अवगत कराया था। उनसे आग्रह किया था कि जितनी जल्दी यह कार्य पूर्ण होगा रेलवे और क्षेत्र की जनता को उतना ही लाभ मिल सकेगा।

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