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    DSPMU Ranchi: श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों व कर्मियों के लिए क्वार्टर का करेगा निर्माण

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Sat, 24 Oct 2020 09:28 AM (IST)

    Shyama Prasad Mukherjee University इसकी सुविधा होने से शिक्षक और कर्मियों को काफी सहूलियत होगी। अगले ढाई साल में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। स्टा ...और पढ़ें

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    छात्राओं के लिए भी हॉस्‍टल का निमार्ण कराया जाएगा।

    जागरण संवाददाता रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के लिए स्टाफ क्वार्टर का निर्माण करेगा। विश्वविद्यालय कुल 300 क्वार्टर का निर्माण करेगा। इसमें 80 क्वार्टर शिक्षकेतर कर्मियों के लिए होगा जो कि 1100 स्क्वायर फीट का होगा। जबकि शेष क्वार्टर शिक्षकों के लिए निर्माण किया जाएगा। इनके क्वार्टर का निर्माण पंद्रह सौ स्क्वायर फीट पर किया जाएगा।

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    इसकी सुविधा होने से शिक्षक और कर्मियों को काफी सहूलियत होगी। अगले ढाई साल में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। स्टाफ क्वार्टर की सुविधा नहीं होने से यहां के शिक्षकों को परेशानी होती है। शिक्षक और स्टाफ को काफी दूर से आना पड़ता है। ऐसे में विश्वविद्यालय के निकट यह सभी शिक्षक रहेंगे।

    छात्राओं के लिए बनेगा हॉस्टल :

    विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या अधिक है। लेकिन हॉस्टल की सुविधा नहीं होने से छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी होती है। अब तक उन्हें लॉज का सहारा लेना पड़ता है। उनकी इस समस्याओं को देखते हुए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय अपने छात्राओं के लिए 500 बेडेड मल्टी स्टोरी हॉस्टल का निर्माण कर रहा है ताकि छात्राओं को पढ़ाई करने में किसी भी तरह की परेशानी ना हो। अगले दो वर्षों में इसकी सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।

    अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था की गई है। अंडर ग्रेजुएट छात्राओं के लिए तीन बेडेड वाला कमरा एलॉट किया जाएगा। जबकि सिंगल बेडेड वाला कमरा पोस्ट ग्रेजुएट छात्राएं और रिसर्च करने वाली छात्राओं को एलॉट किया जाएगा। वर्तमान में विश्वविद्यालय के पास छात्रों के लिए ही हॉस्टल की सुविधा है। हॉस्टल 150 बेडेड का है। जबकि छात्राओं के लिए कोई भी हॉस्टल नहीं है। इसलिए लंबे समय से हॉस्टल को लेकर चल रही मांग को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हॉस्टल निर्माण करने का फैसला लिया।