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    Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट से पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को झटका, जमानत याचिका खारिज

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 05:41 PM (IST)

    झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका को झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उन्हें टेंडर आवंटन से जुड़े कमीशन घोटाला मामले में अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। पूर्व में इस मामले पर विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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    पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। 

    उन्हें टेंडर आवंटन से जुड़े कमीशन घोटाला मामले में अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। पूर्व में इस मामले पर विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

    क्या है मामला?

    आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर आवंटन के बाद कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जहां सरकारी ठेकों के आवंटन में भारी कमीशनखोरी का आरोप है।

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    आलमगीर के पीएस के नौकर के घर पर करोड़ों में कैश की बरामदगी हुई थी। ईडी ने जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाए थे, जिसके आधार पर आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई।

    ईडी ने इस मामले में गहन छानबीन की है, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की गई है। ईडी का आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और कमीशन के तौर पर मोटी रकम का लेन-देन हुआ, जिसमें आलमगीर आलम की भूमिका संदिग्ध है।

    उनकी गिरफ्तारी के बाद से एजेंसी लगातार उनसे पूछताछ कर रही है और मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। झारखंड हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद, आलमगीर आलम के पास अब सुप्रीम कोर्ट का विकल्प खुला है।

    उनके वकील इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, उन्हें तत्काल राहत मिलने की संभावना कम दिख रही है, क्योंकि ईडी इस मामले में काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। इस मामले पर राजनीतिक गलियारों में भी गहमागहमी तेज है, और आगे की कानूनी कार्यवाही पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।