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    चुनाव के बाद होगा झारखंड में VIP का सिक्योरिटी ऑडिट, इन सांसदों की घटेगी सुरक्षा

    Jharkhand VIP Security लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा का ऑडिट होगा। किसी की सुरक्षा घटेगी तो किसी की बढ़ाई जाएगी। सबकी श्रेणी तय होगी उन पर संभावित खतरों का आकलन होगा और उसके अनुसार उन्हें सुरक्षा व्यवस्था दी जाएगी। झारखंड के 8 विधायक संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। जो हारेंगे उनकी सुरक्षा घटेगी।

    By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 20 May 2024 06:35 PM (IST)
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    चुनाव के बाद होगा झारखंड में VIP का सिक्योरिटी ऑडिट, इन सांसदों की घटेगी सुरक्षा (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद राज्य में एक बार फिर विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा का आडिट होगा। किसी की सुरक्षा घटेगी तो किसी की बढ़ाई जाएगी। सबकी श्रेणी तय होगी, उनपर संभावित खतरों का आकलन होगा और उसके अनुसार उन्हें सुरक्षा व्यवस्था दी जाएगी।

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    हाल के दिनों में ईडी की कार्रवाई, राजनैतिक फेरबदल, कार्य दायित्व व पार्टियों में फेरबदल से झारखंड का राजनैतिक समीकरण बदला हुआ है। कई विधायक संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। जिन्हें जीत मिलेगी उन्हें उस पद के अनुसार सुरक्षा मिलेगी, वहीं जो हारेंगे उनकी सुरक्षा घटेगी।

    वर्तमान में जो सांसद हैं, अगर चुनाव हारते हैं तो उसके अनुसार उनकी सुरक्षा घटाई जाएगी। वर्तमान में राज्यपाल सहित राजनीति व गैर राजनीति से जुड़े 119 विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा का आकलन कर केंद्रीय गृह मंत्रालय से निर्धारित मापदंड के अनुसार सुरक्षा दी गई है।

    झारखंड के 8 विधायक संसदीय चुनाव लड़ रहे

    वर्तमान में झारखंड के आठ विधायक संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें जयप्रकाश भाई पटेल, मनीष जायसवाल, ढुल्लू महतो, प्रदीप यादव, चमरा लिंडा, लोबिन हेम्ब्रम, सीता सोरेन व जोबा मांझी शामिल हैं। सीता सोरेन को छोड़कर सभी विधायकों की एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।

    सीता सोरेन को भी पहले एक्स श्रेणी की सुरक्षा थी। उन्होंने जैसे ही झामुमो छोड़कर भाजपा का दामन थामा, उनपर संभावित खतरों को देखते हुए उनकी सुरक्षा जेड श्रेणी की कर दी गई। इन विधायकों में जो सांसद बनेंगे उन्हें सांसद को मिलने वाली सुरक्षा दी जाएगी।

    क्या है राजनैतिक फेरबदल

    पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व संसदीय कार्य मंत्री सह ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ईडी के हाथों मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत गिरफ्तार हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन की सुरक्षा में बदलाव हुआ और मुख्यमंत्री के लिए आवंटित सुरक्षा चंपाई को मिल गई।

    इसी प्रकार मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद उनके स्थान पर जो मंत्री बनेंगे, उन्हें आलमगीर आलम को मिलने वाली सुरक्षा स्थानांतरित हो जाएगी। विधायक जयप्रकाश भाई पटेल भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए और हजारीबाग से संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।

    एक-दो को छोड़ लगभग सभी की सुरक्षा वाई श्रेणी की

    वहीं, भाजपा से हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल भी संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें भी एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। हजारीबाग में इन दोनों के बीच असली लड़ाई है। अब इनमें जो चुनाव जीतेंगे, उनकी सुरक्षा व्यवस्था एक सांसद को मिलने वाली वाई श्रेणी के अनुरूप होगी।

    वर्तमान में जो सांसद हैं, उनमें एक-दो को छोड़ लगभग सभी की सुरक्षा वाई श्रेणी की है। ऐसी स्थिति में अगर वे हारते हैं तो उन पर संभावित खतरों का आकलन होगा और उस अनुरूप सुरक्षा दी जाएगी।

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