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डीएवी हेहल की विज्ञान व कला प्रदर्शनी में दिखे कई रंग

रांची डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल में शुक्रवार को 765 मॉडल के साथ विभिन्न विषयो

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 01:38 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 01:38 AM (IST)
डीएवी हेहल की विज्ञान व कला प्रदर्शनी में दिखे कई रंग

जागरण संवाददाता, रांची : डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल में शुक्रवार को 765 मॉडल के साथ विभिन्न विषयों पर आधारित भव्य विज्ञान, कला प्रदर्शनी का रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम हुए। मुख्य अतिथि तकनीकि शिक्षा निदेशक अरूण कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लोयला पब्लिक स्कूल के निदेशक सत्यप्रकाश, मोटिवेटर काउंसलर-साइकोग्राफी के निदेशक विकास कुमार आदि उपस्थित थे। बच्चों में भरें जीवन को सुखमय बनाने की भावना

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मुख्य अतिथि डॉ अरूण कुमार ने कहा कि सरकार जिला और राज्य स्तर पर इसी तरह के प्रदर्शनियों को आयोजित कर रही है और उसे आगे बढ़ाने में प्रयत्नशील है। इसका उदाहरण साइंस सिटी एवं तारामंडल है। माता-पिता और शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि बच्चों में ऐसी भावना भरें जिससे वे पर्यावरण, कृषि और जीवन को सुखमय बनाने के लिए नई खोज कर सकें। आइटी सेक्टर की ओर से बॉय बोट मॉडल, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक आर्म, फिजिक्स की ओर से लेजर ऑपरेटेड, मिडी इन्ट्रूमेंट, लेजर इन ग्रेवर, स्मार्ट टेक टर्न, कैप फॉर ब्लाइंड के मॉडल बनाए गए। केमेस्ट्रिी से फूड एडल्टरेशन, पेपर क्रोमोटोग्राफी, फेरो फलूट प्रयोग, गोल्डेन रेन, जीव विज्ञान से सैनेप्टिक ट्रासमिशन, रॉल ऑफ इंसुलिन इन डाईबीटीज, डीएनए संरचना, भ्रूण निर्माण के मॉडल बनाए गए। सामाजिक विज्ञान विषय में मानव विकास क्रम, भारतीय कला संस्कृति, आर्टिकल 370, अंग्रेजी में बैटल ऑफ बुक्स, नॉवेल लारिएट्स, हैरी पोटर आदि रचनाओं ने खूब तालियां बटोरीं। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में सृजनात्मक क्षमता उत्पन्न करना

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सह सहायक क्षेत्रीय अधिकारी झारखंड जोन बी एमके सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि शिक्षा का उद्ेश्य बच्चों में सृजनात्मक क्षमता विकसित करना है। नागासाकी और हिरोसिमा का उदाहरण देते हुए बताया कि विज्ञान एवं तकनीकी मानवता की रक्षा के लिए होनी चाहिए। हमारे बच्चों ने सौर उर्जा, यातायात, फूड प्रोसेसिंग, कृषि आदि के लिए जो प्रोजेक्ट बनाऐं हैं वे व्यक्ति के विकास और समाज को सही दिशा देने के लिए मार्गदर्शक का काम करेगा। प्राचार्य ने कहा कि विज्ञान सदा वरदान ही रहा है। आज हमारे बच्चों को विज्ञान की बारिकियों के संदर्भ में गहन शिक्षा की आवश्यकता है।


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