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    Jharkhand में गर्मी को लेकर शिक्षा विभाग अलर्ट, स्कूल में बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए बजेगी 'वॉटर बेल'

    झारखंड में पड़ रही भीषण गर्मी को लेकर शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है और सभी जिलों के सरकारी स्कूलों के बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए घंटी बजाई जाएगी। इससे बच्चों को स्वच्छ पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसे लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को एडवाइजरी और दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 27 Apr 2024 12:04 AM (IST)
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    Jharkhand में गर्मी को लेकर शिक्षा विभाग अलर्ट (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में पड़ रही गर्मी में सरकारी स्कूलों के बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए घंटी बजाई जाएगी। स्कूलों में घंटी बजाकर बच्चों को स्वच्छ पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस अवधि में बच्चे लाइन में लगकर पानी पीएंगे।

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    इसे लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को एडवाइजरी के साथ दिशा-निर्देश भेजे हैं। उन्होंने सभी जिलों को प्रतिदिन खैरियत प्रतिवेदन भी शाम छह बजे तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

    गर्मी के कारण स्कूलों में किया बदलाव 

    गर्मी को देखते हुए पहले ही स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। सचिव ने कहा है कि अत्यधिक गर्मी से सबसे ज्यादा बच्चे एवं शिक्षक प्रभावित हो रहे है। आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और वृद्धि की आशंका है। इसके कारण डिहाइड्रेशन का भी खतरा रहता है।

    यूनिसेफ ने दिया वॉटर बेल का सुझाव

    इस चुनौती का सामना करने के लिए यूनिसेफ द्वारा ‘वॉटर बेल’ की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है। इसके तहत सभी स्कूलों में सुबह साढ़े आठ बजे एवं साढ़े दस बजे घंटी बजाकर बच्चों को स्वच्छ पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाए। बेल बजने के साथ ही विद्यालय के सभी बच्चे कतार में लगकर स्वच्छ पानी पीएंगे।

    सभी कक्षा-कक्ष में मिलेगी ये सुविधा

    इसके लिए सभी कक्षा-कक्ष के पास स्वच्छ पानी का घड़ा, स्वच्छ पानी, टीसनी, पानी का ग्लास आदि की व्यवस्था विद्यालय प्रबंधन द्वारा किया जाएगा। सचिव ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी बच्चे आवश्यक रूप से स्कूल अवधि में कम से कम एक ग्लास स्वच्छ पानी दो बार अवश्य पीयें।

    सचिव ने वर्ग कक्षों में उपलब्ध पंखों को चालू हालत में रखने, मिट्टी के घड़े या अन्य कोई अनुकूल पात्र की व्यवस्था विद्यालय विकास अनुदान से सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर ओआरएस घोल की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा है।

    उन्होंने मध्याह्न भोजन में नींबू-पानी, नमक-चीनी का घोल, चना-गुड़, कच्चे आम तथा सत्तू का शर्बत आदि को भी सम्मिलित करने को कहा है।

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